4 New Rules On Property: नया साल 2025 आते ही भारत में प्रॉपर्टी और रेंट से जुड़े कई नए नियम लागू होने जा रहे हैं। ये नियम न सिर्फ मकान मालिकों को प्रभावित करेंगे, बल्कि किरायेदारों और प्रॉपर्टी खरीदारों के लिए भी महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे। सरकार का मकसद रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाना और टैक्स चोरी रोकना है।
इन नए नियमों से जहां एक ओर किराये से होने वाली आय पर कड़ी नजर रखी जाएगी, वहीं दूसरी ओर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। साथ ही, ऊर्जा दक्षता के मानकों को भी सख्त किया जा रहा है। आइए जानते हैं इन 4 प्रमुख बदलावों के बारे में विस्तार से।
प्रॉपर्टी और रेंट के नए नियम: एक नजर में
नियम | विवरण |
रेंटल इनकम टैक्सेशन | किराये की आय को सिर्फ ‘Income from House Property’ के तहत घोषित करना होगा |
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन | दिल्ली में NGDRS सिस्टम लागू होगा |
एनर्जी एफिशिएंसी | G-रेटेड प्रॉपर्टीज को किराये पर देना प्रतिबंधित होगा |
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन | प्रॉपर्टी बेचने पर नया LTCG टैक्स नियम लागू होगा |
रेंटल इनकम पर नया टैक्स नियम
1 जनवरी 2025 से किराये की आय पर एक नया टैक्स नियम लागू होने जा रहा है। इस नए नियम के तहत, मकान मालिकों को अपनी किराये की आय को सिर्फ ‘Income from House Property’ के तहत ही घोषित करना होगा। यह बदलाव टैक्स चोरी रोकने के लिए किया गया है।
क्या बदलेगा?
- अब किराये की आय को ‘Profits and Gains from Business or Profession’ के तहत घोषित नहीं किया जा सकेगा।
- मकान मालिक सिर्फ सीमित डिडक्शन्स का ही लाभ उठा पाएंगे।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन 30% तक सीमित होगा।
- म्युनिसिपल टैक्स और होम लोन इंटरेस्ट पर छूट मिलेगी।
किसे होगा फायदा?
यह नियम सरकार के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा। हालांकि, मकान मालिकों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि उन्हें अधिक टैक्स देना पड़ सकता है।
दिल्ली में नया प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन सिस्टम
1 जनवरी 2025 से दिल्ली में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए National Generic Document Registration System (NGDRS) लागू होगा। यह सिस्टम पूरी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा।
NGDRS के फायदे
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा
- कम समय में प्रक्रिया पूरी होगी
- फ्रॉड की संभावना कम होगी
- सब-रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर कम लगेंगे
क्या करना होगा?
प्रॉपर्टी खरीदारों और बेचने वालों को एक नए ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल करना होगा। इस पोर्टल पर वे अपने दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।
एनर्जी एफिशिएंसी के नए मानदंड
1 जनवरी 2025 से फ्रांस की तरह भारत में भी एनर्जी एफिशिएंसी के नए मानदंड लागू होंगे। इसके तहत, कम एनर्जी एफिशिएंट प्रॉपर्टीज को किराये पर देना मुश्किल हो जाएगा।
क्या होंगे नए नियम?
- G-रेटेड प्रॉपर्टीज को किराये पर देना प्रतिबंधित होगा।
- 2028 तक F-रेटेड प्रॉपर्टीज पर भी यह नियम लागू होगा।
- मकान मालिकों को अपनी प्रॉपर्टी का एनर्जी ऑडिट कराना होगा।
- एनर्जी एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए रेनोवेशन करना पड़ सकता है।
इसका क्या असर होगा?
यह नियम पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा। हालांकि, पुरानी बिल्डिंग्स के मालिकों को रेनोवेशन पर खर्च करना पड़ सकता है। किरायेदारों को भी एनर्जी एफिशिएंट घरों के लिए ज्यादा किराया देना पड़ सकता है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर नया टैक्स नियम
1 जनवरी 2025 से प्रॉपर्टी बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स के नियमों में बदलाव होगा। यह नियम प्रॉपर्टी बेचने वालों के लिए महत्वपूर्ण है।
नए LTCG नियम की मुख्य बातें
- अब 12.5% फ्लैट रेट पर LTCG टैक्स लगेगा।
- इंडेक्सेशन बेनिफिट खत्म हो जाएगा।
- प्रॉपर्टी की कीमत में सालाना 9% से कम बढ़ोतरी होने पर नुकसान हो सकता है।
किसे होगा फायदा?
यह नियम सरकार के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा। हालांकि, प्रॉपर्टी बेचने वालों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि उन्हें अधिक टैक्स देना पड़ सकता है।
क्या करें मकान मालिक और किरायेदार?
इन नए नियमों के मद्देनजर मकान मालिकों और किरायेदारों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
मकान मालिकों के लिए सुझाव
- किराये की आय की सही रिपोर्टिंग करें।
- एनर्जी ऑडिट कराएं और जरूरत पड़ने पर रेनोवेशन करें।
- टैक्स प्लानिंग के लिए एक्सपर्ट की सलाह लें।
किरायेदारों के लिए सुझाव
- एनर्जी एफिशिएंट घरों को प्राथमिकता दें।
- किराये के अनुबंध में एनर्जी रेटिंग की जानकारी जरूर लें।
निष्कर्ष
1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले ये नए नियम रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े बदलाव लाएंगे। इनसे जहां एक ओर पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर मकान मालिकों और प्रॉपर्टी बेचने वालों को नए चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सभी संबंधित लोगों को इन नियमों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए और अपने वित्तीय प्लानिंग को इसके अनुसार अपडेट करना चाहिए।
Disclaimer: यह लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हालांकि इसमें दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है, फिर भी यह पूरी तरह से सटीक नहीं हो सकती है। कृपया किसी भी वित्तीय या कानूनी निर्णय लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।