पेट्रोल और डीजल की कीमतें आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालती हैं। हर रोज़ इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव से न सिर्फ ट्रांसपोर्ट बल्कि रोजमर्रा की चीजों के दाम भी प्रभावित होते हैं। हाल ही में, 18 अप्रैल 2025 से देशभर में पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की गई है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है।
इस बार की कटौती खास इसलिए है क्योंकि यह पूरे देश में एक साथ लागू की गई है और इसकी वजहें भी बेहद अहम हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और सरकार द्वारा टैक्स में बदलाव के चलते तेल कंपनियों ने ग्राहकों को इसका फायदा दिया है। इस लेख में हम जानेंगे कि पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे घटे, नई कीमतें क्या हैं, और इसका आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा।
पेट्रोल-डीजल के दाम घटे: क्या है मुख्य वजह?
पेट्रोल-डीजल की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे – अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम, डॉलर-रुपया विनिमय दर, केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स, डीलर कमीशन आदि। अप्रैल 2025 में कच्चे तेल की कीमतें 65-78 डॉलर प्रति बैरल तक आ गई हैं, जो पिछले कुछ महीनों के मुकाबले कम है। इसके अलावा, सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में भी थोड़ा बदलाव किया है, जिससे तेल कंपनियों पर बोझ कम हुआ और उन्होंने ग्राहकों को इसका लाभ दिया।
पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें कब और कैसे लागू हुईं?
देश की प्रमुख तेल विपणन कंपनियां (OMCs) हर रोज़ सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट करती हैं। 18 अप्रैल 2025 को सुबह 6 बजे से नई कीमतें पूरे देश में लागू हो गई हैं। इस बार की कटौती लगभग ₹2 प्रति लीटर तक रही, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें कई शहरों में 80 रुपए के आसपास या उससे भी कम हो गई हैं।
पेट्रोल-डीजल कीमतों का ओवरव्यू (टेबल)
मुख्य बिंदु | विवरण |
नई कीमतें लागू होने की तारीख | 18 अप्रैल 2025 |
पेट्रोल की औसत कटौती | ₹2 प्रति लीटर (लगभग) |
डीजल की औसत कटौती | ₹2 प्रति लीटर (लगभग) |
दिल्ली में पेट्रोल | ₹94.77 प्रति लीटर |
दिल्ली में डीजल | ₹87.67 प्रति लीटर |
मुंबई में पेट्रोल | ₹103.50 प्रति लीटर |
मुंबई में डीजल | ₹90.03 प्रति लीटर |
कच्चे तेल की कीमतें | 65-78 डॉलर प्रति बैरल (अंतरराष्ट्रीय) |
कीमतों में बदलाव का समय | हर रोज़ सुबह 6 बजे |
मुख्य कारण | कच्चे तेल की कीमत में गिरावट, टैक्स में बदलाव |
असर | ट्रांसपोर्ट, कृषि, रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में राहत |
पेट्रोल-डीजल की कीमतें: आपके शहर में क्या है नया रेट?
हर राज्य और शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं, क्योंकि राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से VAT (वैट) लगाती हैं। नीचे कुछ प्रमुख शहरों और राज्यों की नई कीमतें दी गई हैं:
प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (18 अप्रैल 2025)
शहर/राज्य | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
नई दिल्ली | 94.77 | 87.67 |
मुंबई | 103.50 | 90.03 |
कोलकाता | 105.01 | 91.82 |
चेन्नई | 100.80 | 92.39 |
हैदराबाद | 107.46 | 95.70 |
जयपुर | 104.72 | 90.21 |
लखनऊ | 94.61 | 87.71 |
पुणे | 104.14 | 90.67 |
चंडीगढ़ | 94.30 | 82.45 |
इंदौर | 106.48 | 91.88 |
पटना | 105.58 | 93.80 |
सूरत | 95.00 | 89.00 |
नासिक | 95.50 | 89.50 |
राज्यवार पेट्रोल-डीजल के दाम (18 अप्रैल 2025)
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
आंध्र प्रदेश | 109.76 | 97.59 |
अरुणाचल प्रदेश | 92.66 | 82.20 |
असम | 98.53 | 89.76 |
बिहार | 106.94 | 93.80 |
गुजरात | 94.49 | 90.17 |
कर्नाटक | 103.36 | 91.43 |
केरल | 106.08 | 95.04 |
मध्य प्रदेश | 107.50 | 92.82 |
महाराष्ट्र | 104.64 | 91.18 |
ओडिशा | 102.52 | 94.07 |
राजस्थान | 104.36 | 89.88 |
तमिलनाडु | 102.05 | 93.65 |
तेलंगाना | 108.83 | 97.10 |
उत्तर प्रदेश | 94.75 | 87.84 |
पश्चिम बंगाल | 106.24 | 92.96 |
अंडमान और निकोबार | 82.46 | 78.05 |
पेट्रोल-डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं?
पेट्रोल और डीजल की कीमतें तय करने में कई फैक्टर काम करते हैं:
- अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें: जब कच्चे तेल की कीमतें कम होती हैं, तो पेट्रोल-डीजल भी सस्ते हो सकते हैं।
- डॉलर-रुपया विनिमय दर: कच्चा तेल डॉलर में खरीदा जाता है, इसलिए डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत या कमजोर होने पर भी कीमतें बदलती हैं।
- सरकारी टैक्स: केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारें वैट लगाती हैं, जिससे हर राज्य में रेट अलग होता है।
- डीलर कमीशन और ट्रांसपोर्टेशन: पेट्रोल पंप मालिकों का कमीशन और तेल को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का खर्च भी कीमत में जुड़ता है।
- डेली प्राइसिंग सिस्टम: 2017 से देश में हर रोज़ सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट होते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव का असर तुरंत दिखता है।
पेट्रोल-डीजल के दाम घटने का असर
आम जनता पर असर
- ट्रांसपोर्ट सस्ता: पेट्रोल-डीजल सस्ता होने से बस, टैक्सी, ऑटो और ट्रक का किराया कम हो सकता है।
- रोजमर्रा की चीजें: ट्रांसपोर्ट सस्ता होने से सब्जी, फल, अनाज, दूध जैसी चीजों की कीमतों में राहत मिल सकती है।
- कृषि क्षेत्र: किसान ट्रैक्टर, पंपसेट आदि में डीजल का इस्तेमाल करते हैं, जिससे खेती की लागत घटेगी और अनाज की कीमतें भी कम हो सकती हैं।
- इंडस्ट्री: कई इंडस्ट्रीज में डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल होता है, जिससे उत्पादन लागत में कमी आ सकती है।
सरकार और अर्थव्यवस्था पर असर
- महंगाई दर: पेट्रोल-डीजल सस्ता होने से ट्रांसपोर्ट और उत्पादन लागत कम होगी, जिससे महंगाई दर में राहत मिल सकती है।
- राजस्व: टैक्स में कटौती से सरकार के राजस्व पर असर पड़ सकता है, लेकिन आम जनता को राहत मिलती है।
- वोटर्स पर असर: चुनावी मौसम में कीमतों में कटौती का सीधा असर वोटर्स के मूड पर भी देखा जाता है।
पेट्रोल-डीजल कीमतों में बदलाव के पीछे की वजहें
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंदी: वैश्विक मंदी और व्यापार युद्ध के कारण कच्चे तेल की मांग घटी, जिससे कीमतें गिरीं।
- सरकारी हस्तक्षेप: चुनावी मौसम में सरकारें टैक्स घटाकर जनता को राहत देती हैं।
- रुपया मजबूत: डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने से भी कच्चा तेल सस्ता पड़ता है।
- तेल कंपनियों का मार्जिन: सरकार द्वारा टैक्स घटाने से कंपनियों पर बोझ कम होता है और वे कीमतें घटा सकती हैं।
पेट्रोल-डीजल सस्ता होने से किसे सबसे ज्यादा फायदा?
- मध्यम और निम्न आय वर्ग: जिनके लिए ट्रांसपोर्ट और रसोई का बजट अहम होता है।
- किसान: खेती में डीजल की बड़ी खपत होती है।
- छोटे व्यापारी: ट्रांसपोर्ट लागत घटने से मुनाफा बढ़ सकता है।
- यात्री: बस, टैक्सी, ऑटो किराया कम होने से ट्रैवल आसान होगा।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट: भविष्य की संभावना
- कच्चे तेल की कीमतें: अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें और गिरती हैं तो आगे भी राहत मिल सकती है।
- सरकारी नीति: चुनाव बाद टैक्स या कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं, इसलिए यह राहत अस्थायी भी हो सकती है।
- मांग और आपूर्ति: वैश्विक स्तर पर मांग बढ़ने या सप्लाई घटने पर कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं।
पेट्रोल-डीजल कीमतों पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या पेट्रोल-डीजल के दाम हर रोज़ बदलते हैं?
हाँ, 2017 से देश में हर सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट होते हैं।
2. पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर राज्य में अलग क्यों होती हैं?
हर राज्य सरकार अपना अलग VAT (वैट) लगाती है, जिससे कीमतें अलग-अलग होती हैं।
3. पेट्रोल-डीजल सस्ता होने से क्या-क्या सस्ता हो सकता है?
ट्रांसपोर्ट, सब्जी, फल, अनाज, दूध, टैक्सी-ऑटो किराया और खेती की लागत में राहत मिल सकती है।
4. कीमतें कब तक कम रह सकती हैं?
जब तक कच्चे तेल की कीमतें कम हैं और सरकार टैक्स नहीं बढ़ाती, तब तक राहत मिल सकती है।
5. क्या चुनाव के कारण कीमतें घटाई गई हैं?
कई बार चुनावी मौसम में सरकारें टैक्स घटाकर जनता को राहत देती हैं, लेकिन इसका सीधा जवाब नीतिगत है।
निष्कर्ष
18 अप्रैल 2025 से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती से आम जनता को बड़ी राहत मिली है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट और सरकार द्वारा टैक्स में बदलाव के कारण यह राहत संभव हुई है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर रोज़ अपडेट होती हैं और राज्यवार अलग-अलग होती हैं। दाम घटने से ट्रांसपोर्ट, कृषि और रोजमर्रा की चीजों के दाम पर सीधा असर पड़ेगा। हालांकि, यह राहत अस्थायी भी हो सकती है, क्योंकि वैश्विक बाजार और सरकारी नीति के अनुसार कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं। इसलिए अपने बजट की प्लानिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखें।
डिस्क्लेमर
यह लेख 18 अप्रैल 2025 को उपलब्ध पेट्रोल-डीजल की कीमतों और समाचारों पर आधारित है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर रोज़ बदलती हैं और राज्यवार अलग-अलग हो सकती हैं। कृपया अपने शहर के पेट्रोल पंप पर जाकर या सरकारी वेबसाइट से ताजा रेट जरूर चेक करें। चुनावी मौसम में कीमतों में कटौती अक्सर देखी जाती है, लेकिन यह राहत स्थायी नहीं होती। लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के लिए है, किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञ या संबंधित विभाग से सलाह जरूर लें।