UPI Rules Change: अब Pay करना होगा पहले से भी ज्यादा सोचकर? जानिए नए UPI Rules ने कैसे किया सबको हैरान

आज के डिजिटल युग में यूपीआई (Unified Payments Interface) ने भुगतान के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। यूपीआई के माध्यम से हम मिनटों में बैंक खाते से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे कैशलेस लेनदेन आसान और सुरक्षित हो गया है।

लेकिन जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है, वैसे-वैसे यूपीआई के नियमों में भी बदलाव जरूरी हो जाते हैं ताकि उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और सुविधा बनी रहे। अप्रैल 2025 से यूपीआई के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं, जो हर यूपीआई यूजर के लिए जानना आवश्यक है।

इन नए नियमों का उद्देश्य यूपीआई ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और पारदर्शी बनाना है। इनमें मोबाइल नंबर से जुड़ी यूपीआई आईडी की सुरक्षा, ट्रांजैक्शन लिमिट, धोखाधड़ी रोकने के उपाय और बैंक तथा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए नई जिम्मेदारियां शामिल हैं।

इस लेख में हम विस्तार से यूपीआई के नए नियमों, उनके प्रभाव और उपयोगकर्ताओं को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इस पर चर्चा करेंगे।

UPI Rules Change Overview

नियम/बदलावविवरण
मोबाइल नंबर की सक्रियतायूपीआई आईडी जो निष्क्रिय या बंद मोबाइल नंबर से जुड़ी हैं, उन्हें डिएक्टिवेट किया जाएगा।
नंबर अपडेटिंग की आवृत्तिबैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) को मोबाइल नंबर की जानकारी साप्ताहिक आधार पर अपडेट करनी होगी।
“Collect Payment” फीचर में बदलावकेवल बड़े और सत्यापित व्यापारियों के लिए “Collect Payment” फीचर उपलब्ध होगा। व्यक्ति से व्यक्ति के लिए ₹2,000 तक सीमा लागू।
यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिटसामान्य यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट ₹1 लाख प्रति दिन रखी गई है।
पीपीआई (Prepaid Payment Instruments) पर चार्जेस₹2,000 से ऊपर के पीपीआई ट्रांजैक्शन पर 1.1% तक का इंटरचेंज शुल्क लागू होगा।
ट्रांजैक्शन डिस्प्यूट सिस्टमट्रांजैक्शन डिस्प्यूट के लिए ऑटोमेटेड सिस्टम लागू किया गया है, जिससे विवाद जल्दी सुलझेंगे।
यूजर्स की सहमति अनिवार्ययूपीआई नंबर को बैंक खाते से जोड़ने के लिए यूजर की स्पष्ट सहमति आवश्यक होगी।
धोखाधड़ी रोकथामनिष्क्रिय नंबरों से होने वाले गलत ट्रांजैक्शन को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं।

मोबाइल नंबर की सक्रियता और यूपीआई आईडी का लिंक

नए नियमों के अनुसार, यदि आपका बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर तीन महीने या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है, तो वह नंबर टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा बंद कर दिया जाता है और बाद में किसी अन्य व्यक्ति को आवंटित किया जा सकता है।

ऐसे में आपका यूपीआई आईडी जो उस नंबर से जुड़ा होता है, वह डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने बैंक में मोबाइल नंबर की जानकारी को अपडेट रखें और सुनिश्चित करें कि नंबर सक्रिय हो। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यूपीआई सेवा में बाधा आ सकती है।

“Collect Payment” फीचर में बदलाव

UPI के माध्यम से अब व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) कलेक्ट पेमेंट्स पर ₹2,000 की सीमा लागू कर दी गई है। इसका मतलब है कि ₹2,000 से ऊपर की कलेक्ट रिक्वेस्ट केवल बड़े और सत्यापित व्यापारियों को ही भेजी जा सकेगी। यह कदम धोखाधड़ी को कम करने और यूपीआई ट्रांजैक्शन को और सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है।

यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट और शुल्क

2025 में यूपीआई ट्रांजैक्शन की सामान्य सीमा ₹1 लाख प्रति दिन रखी गई है। इसके अलावा, डिजिटल वॉलेट्स जैसे कि PhonePe Wallet, Paytm Wallet आदि से होने वाले ₹2,000 से ऊपर के लेनदेन पर 1.1% तक का इंटरचेंज शुल्क लागू होगा। हालांकि, ग्राहक को यह शुल्क नहीं देना होगा, बल्कि यह शुल्क व्यापारी के बैंक द्वारा वॉलेट प्रोवाइडर को दिया जाएगा। बैंक-टू-बैंक यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।

ट्रांजैक्शन डिस्प्यूट और सुरक्षा

नए नियमों के तहत ट्रांजैक्शन डिस्प्यूट को ऑटोमेटेड सिस्टम के जरिए जल्दी और प्रभावी ढंग से सुलझाया जाएगा। इससे पहले मैनुअल प्रक्रिया में देरी और जटिलताएं होती थीं। अब बैंक और पेमेंट प्रोवाइडर को अधिक समय मिलेगा और विवादों का निपटारा तेजी से होगा।

यूजर्स की सहमति और डेटा सुरक्षा

UPI नंबर को बैंक खाते से जोड़ने के लिए उपयोगकर्ता की स्पष्ट सहमति अनिवार्य कर दी गई है। साथ ही, बैंक और PSP को मोबाइल नंबर की जानकारी को नियमित रूप से अपडेट करना होगा ताकि पुराने या पुनः आवंटित नंबरों से गलत ट्रांजैक्शन न हो सके।

यूपीआई नियमों में बदलाव के फायदे और सावधानियां

फायदे

  • सुरक्षा में वृद्धि: निष्क्रिय नंबरों से जुड़े यूपीआई आईडी हटाने से धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
  • बेहतर ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट: मोबाइल नंबर अपडेटिंग से गलत ट्रांजैक्शन में कमी आएगी।
  • ट्रांजैक्शन विवाद का त्वरित समाधान: ऑटोमेटेड डिस्प्यूट सिस्टम से विवाद जल्दी सुलझेंगे।
  • व्यापारियों के लिए पारदर्शिता: इंटरचेंज शुल्क से वॉलेट आधारित ट्रांजैक्शन में स्पष्टता आएगी।

सावधानियां

  • मोबाइल नंबर अपडेट रखें: बैंक में हमेशा सक्रिय मोबाइल नंबर दर्ज कराएं।
  • UPI ऐप की जानकारी रखें: ऐप अपडेट और नियमों की जानकारी समय-समय पर लें।
  • ₹2,000 से ऊपर के कलेक्ट पेमेंट में सावधानी: केवल विश्वसनीय व्यापारियों से ही पेमेंट करें।
  • ट्रांजैक्शन की पुष्टि करें: हर ट्रांजैक्शन की डिटेल्स जांचें और संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत बैंक को सूचित करें।

निष्कर्ष

यूपीआई ने भारत में डिजिटल भुगतान को बेहद आसान और लोकप्रिय बनाया है। नए नियमों के साथ यूपीआई और भी सुरक्षित और भरोसेमंद हो गया है। हालांकि, इन नियमों का पालन करना यूजर्स के लिए जरूरी है ताकि वे बिना किसी बाधा के यूपीआई का लाभ उठा सकें।

मोबाइल नंबर अपडेट रखना, लिमिट्स का ध्यान रखना और सावधानी से ट्रांजैक्शन करना आज के समय में अत्यंत आवश्यक हो गया है। ये बदलाव धोखाधड़ी को रोकने और डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

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Disclaimer: यूपीआई नियमों में यह बदलाव वास्तविक हैं और अप्रैल 1, 2025 से लागू हो गए हैं। ये नियम राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए हैं ताकि यूपीआई ट्रांजैक्शन को और सुरक्षित, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जा सके। इसलिए इन नियमों को गंभीरता से लेना और अपने बैंक व यूपीआई ऐप में आवश्यक अपडेट करना जरूरी है।

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