वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को लोकसभा में बजट 2025 पेश करने वाली हैं। इस बजट में मध्यम वर्ग को राहत देने की उम्मीद है। सरकार 10 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स में छूट देने पर विचार कर रही है। यह कदम मध्यम वर्ग को राहत देने और खपत को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा सकता है।
इस फैसले से करोड़ों करदाताओं को फायदा हो सकता है, खासकर उन शहरी निवासियों को जो उच्च जीवन लागत से परेशान हैं। यह कदम 2020 के टैक्स सिस्टम के तहत होगा, जिसमें हाउसिंग रेंटल जैसी छूट नहीं दी जाती है।
Income Tax Slabs 2025-26: नए टैक्स स्लैब की जानकारी
बजट 2025 में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद है। यहां नए टैक्स स्लैब की एक संभावित रूपरेखा दी गई है:
आय सीमा (रुपये में) | टैक्स दर |
0 – 5 लाख | कोई टैक्स नहीं |
5 लाख – 10 लाख | 10% |
10 लाख – 20 लाख | 20% |
20 लाख से ऊपर | 30% |
Budget 2025 Expectations: मध्यम वर्ग के लिए क्या हो सकता है?
- बेसिक टैक्स छूट सीमा में बढ़ोतरी: नए टैक्स रेजीम में 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जा सकती है।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि: वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है।
- सेक्शन 80C की लिमिट में बढ़ोतरी: मौजूदा 1.5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख या 2.5 लाख रुपये किया जा सकता है।
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर ज्यादा छूट: सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की सीमा बढ़ाई जा सकती है।
नए टैक्स रेजीम vs पुराना टैक्स रेजीम: क्या है फर्क?
नए टैक्स रेजीम में कम दरें हैं लेकिन छूट और कटौतियां नहीं हैं। पुराने रेजीम में ज्यादा छूट हैं लेकिन टैक्स दरें भी ज्यादा हैं। यहां दोनों रेजीम की तुलना दी गई है:
- नया टैक्स रेजीम: 5 लाख तक कोई टैक्स नहीं, 5-10 लाख पर 10%, 10-15 लाख पर 15%, 15 लाख से ऊपर 30%।
- पुराना टैक्स रेजीम: 2.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं, 2.5-5 लाख पर 5%, 5-10 लाख पर 20%, 10 लाख से ऊपर 30%।
Budget 2025: सीनियर सिटीजन्स के लिए क्या हो सकता है?
- टैक्स छूट सीमा में बढ़ोतरी: 60-80 साल के लोगों के लिए 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये की जा सकती है।
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर ज्यादा छूट: सेक्शन 80D के तहत सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की जा सकती है।
- फिक्स्ड डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज: सीनियर सिटीजन्स के लिए बैंक FD पर ज्यादा ब्याज दर की घोषणा हो सकती है।
Income Tax Return Filing: क्या बदलाव हो सकते हैं?
- ITR फॉर्म का सरलीकरण: ITR फॉर्म को और सरल बनाया जा सकता है ताकि करदाताओं को आसानी हो।
- प्री-फिल्ड ITR: ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहले से भरी हुई मिल सकती है।
- फास्ट रिफंड: टैक्स रिफंड की प्रक्रिया और तेज की जा सकती है।
GST में क्या बदलाव हो सकते हैं?
- स्लैब का सरलीकरण: मौजूदा 4 स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को कम करके 3 स्लैब किया जा सकता है।
- कंपोजिशन स्कीम में बदलाव: छोटे व्यापारियों के लिए कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाई जा सकती है।
- रिटर्न फाइलिंग का सरलीकरण: GSTR फॉर्म को और सरल बनाया जा सकता है।
Budget 2025: रियल एस्टेट सेक्टर के लिए क्या हो सकता है?
- होम लोन पर ज्यादा छूट: सेक्शन 24(b) के तहत होम लोन इंटरेस्ट की छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जा सकती है।
- अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा: सस्ते घरों पर और ज्यादा टैक्स छूट दी जा सकती है।
- REIT और InvIT को प्रोत्साहन: रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट को और प्रोत्साहन दिया जा सकता है।
स्टार्टअप्स और MSME के लिए क्या हो सकता है?
- टैक्स हॉलिडे: नए स्टार्टअप्स के लिए टैक्स हॉलिडे की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
- एंजेल टैक्स में राहत: स्टार्टअप्स में निवेश पर एंजेल टैक्स में और राहत दी जा सकती है।
- MSME के लिए क्रेडिट गारंटी: MSME के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम को और मजबूत किया जा सकता है।
कृषि क्षेत्र के लिए क्या उम्मीदें हैं?
- किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा में वृद्धि: KCC की सीमा बढ़ाई जा सकती है।
- कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में बढ़ोतरी: कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए और ज्यादा फंड आवंटित किया जा सकता है।
- फसल बीमा योजना में सुधार: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में और सुधार किए जा सकते हैं।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। बजट 2025 में क्या घोषणाएं होंगी, यह अभी अनिश्चित है। सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा होने तक इन सभी बातों को अफवाह या अनुमान ही माना जाना चाहिए। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे बजट की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करें और किसी भी निर्णय से पहले टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लें।