प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत, उन्हें आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बेहतर उपकरण प्रदान किए जाते हैं ताकि वे अपने कौशल को उन्नत कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इस लेख में हम PM Vishwakarma Training Center List 2025 के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, जिसमें यह भी शामिल होगा कि आप अपने जिले के ट्रेनिंग सेंटर की लिस्ट कैसे चेक कर सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन कारीगरों और शिल्पकारों को पहचान और सहायता प्रदान करना है, जो पारंपरिक कौशल में निपुण हैं। योजना के तहत उन्हें निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण: पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
- वित्तीय सहायता: कारीगरों को व्यवसाय शुरू करने या बढ़ाने के लिए रियायती दर पर ऋण प्रदान किया जाता है।
- टूलकिट प्रोत्साहन: ₹15,000 तक की टूलकिट सहायता दी जाती है।
- डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन: डिजिटल लेन-देन पर ₹1 प्रति ट्रांजैक्शन प्रोत्साहन दिया जाता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 का ओवरव्यू
विशेषता | विवरण |
योजना का नाम | पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 |
लॉन्च तिथि | 17 सितंबर 2023 |
लक्ष्य | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
कुल बजट | ₹13,000 करोड़ |
ऋण राशि | ₹3 लाख तक |
ब्याज दर | 5% प्रति वर्ष |
टूलकिट सहायता | ₹15,000 तक |
प्रशिक्षण अवधि | बेसिक (5-7 दिन), एडवांस्ड (15+ दिन) |
पीएम विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटर लिस्ट 2025
योजना के तहत देशभर में 3,715 प्रशिक्षण केंद्र और 758 ट्रेनिंग प्रदाता कार्यरत हैं। ये केंद्र देश के 31 राज्यों और 520 जिलों में फैले हुए हैं। नीचे राज्यवार ट्रेनिंग सेंटर की संख्या दी गई है:
राज्य | ट्रेनिंग सेंटर की संख्या |
कर्नाटक | 1,287 |
महाराष्ट्र | 816 |
राजस्थान | 712 |
मध्य प्रदेश | 661 |
उत्तर प्रदेश | 653 |
गुजरात | 572 |
असम | 437 |
जम्मू और कश्मीर | 412 |
ट्रेनिंग सेंटर की सूची कैसे देखें?
यदि आप जानना चाहते हैं कि आपके जिले में कौन-कौन से ट्रेनिंग सेंटर उपलब्ध हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- डैशबोर्ड ऑप्शन पर क्लिक करें: होम पेज पर ‘Dashboard’ ऑप्शन पर क्लिक करें।
- Training Center विकल्प चुनें: नए पेज पर ‘Training Center’ ऑप्शन को सेलेक्ट करें।
- राज्य और जिला चुनें: अपने राज्य और जिले का चयन करें।
- लिस्ट देखें: अब आपके सामने उस क्षेत्र के सभी ट्रेनिंग सेंटर्स की सूची आ जाएगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ
योजना से जुड़े प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
- प्रशिक्षण भत्ता: बेसिक ट्रेनिंग (5-7 दिन) और एडवांस्ड ट्रेनिंग (15+ दिन) के दौरान ₹500 प्रतिदिन का स्टाइपेंड दिया जाता है।
- रियायती ऋण सुविधा: ₹3 लाख तक का ऋण 5% ब्याज दर पर मिलता है।
- टूलकिट प्रोत्साहन: ₹15,000 तक की टूलकिट सहायता ई-वाउचर के रूप में दी जाती है।
- डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन: प्रत्येक डिजिटल ट्रांजैक्शन पर ₹1 का प्रोत्साहन दिया जाता है।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे:
- आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- पारंपरिक कारीगरी या शिल्पकारी में संलग्न व्यक्ति होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक खाता पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत ट्रेड्स
योजना के तहत कुल 18 ट्रेड्स को शामिल किया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख ट्रेड्स हैं:
- बढ़ई (Carpenter)
- लोहार (Blacksmith)
- सुनार (Goldsmith)
- कुम्हार (Potter)
- धोबी (Washerman)
- दर्जी (Tailor)
- माली (Garland Maker)
- मछली जाल निर्माता (Fishing Net Maker)
राज्यवार आंकड़े
कुछ राज्यों में चल रहे बैचों की संख्या इस प्रकार है:
- कर्नाटक: लगभग 9,000 बैच
- गुजरात: लगभग 4,700 बैच
- राजस्थान: लगभग 3,700 बैच
- महाराष्ट्र: लगभग 3,300 बैच
निष्कर्ष
पीएम विश्वकर्मा योजना एक क्रांतिकारी पहल है जो न केवल पारंपरिक कौशल को संरक्षित करती है बल्कि इसे आधुनिक तकनीकी ज्ञान से जोड़कर कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाती है। यदि आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो जल्द ही आवेदन करें और अपने नजदीकी ट्रेनिंग सेंटर की जानकारी प्राप्त करें।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त करें।