वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत सरकार ने टैक्स में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, खासकर सीनियर सिटीजन के लिए। इस साल के बजट में टैक्स स्लैब, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), और टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) से जुड़े नियमों में सुधार किया गया है। इन बदलावों का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक राहत प्रदान करना और उनकी बचत को बढ़ावा देना है।
इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि 2025-26 में टैक्स बचाने के तरीके क्या हैं और सीनियर सिटीजन के लिए FD और TDS से जुड़े नए नियम कैसे मददगार साबित हो सकते हैं।
2025-26 में टैक्स स्लैब और छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में टैक्स स्लैब्स में बदलाव किए हैं। नई टैक्स व्यवस्था के तहत, 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह छूट केवल सैलरी आय वालों को मिलेगी।
टैक्स स्लैब का विवरण:
आय सीमा (रुपये) | टैक्स दर (%) |
0 – 12 लाख | 0% |
12 – 15 लाख | 15% |
15 – 20 लाख | 20% |
25 लाख से अधिक | 30% |
इस नई व्यवस्था से मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी, जबकि पुरानी व्यवस्था का लाभ उठाने वाले लोगों को सीमित छूट मिलेगी।
सीनियर सिटीजन के लिए FD और TDS से जुड़े नए नियम
TDS की सीमा बढ़ी
सीनियर सिटीजन के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज पर TDS की सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि यदि किसी वरिष्ठ नागरिक की वार्षिक ब्याज आय ₹1,00,000 से कम है, तो उस पर कोई TDS नहीं कटेगा।
इसके फायदे:
- बेहतर नकदी प्रवाह: वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज राशि पर TDS कटौती से राहत मिलेगी।
- रिटर्न फाइलिंग की सुविधा: जिनकी आय केवल FD ब्याज तक सीमित है, उन्हें टैक्स रिफंड पाने के लिए रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी।
फिक्स्ड डिपॉजिट पर आकर्षक ब्याज
बैंकों और पोस्ट ऑफिस ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए FD योजनाओं पर ब्याज दरों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया है। इससे उनकी बचत पर बेहतर रिटर्न मिलेगा।
टैक्स बचाने के अन्य तरीके
Section 80C का उपयोग
Section 80C के तहत आप ₹1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। इसमें निम्नलिखित निवेश शामिल हैं:
- पीपीएफ (PPF)
- एनएससी (NSC)
- एलआईसी प्रीमियम
- ट्यूशन फीस
Section 80D: मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम
वरिष्ठ नागरिक अपने मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर ₹50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
Section 87A: रिबेट
यदि आपकी कुल आय ₹12 लाख से कम है, तो आप Section 87A के तहत ₹12,500 तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं।
टैक्स बचाने के लिए टिप्स
- नई और पुरानी व्यवस्था की तुलना करें: अपनी आय और निवेश योजनाओं के आधार पर सही व्यवस्था चुनें।
- FD और अन्य बचत योजनाओं का लाभ उठाएं: वरिष्ठ नागरिक FD या पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में निवेश कर सकते हैं।
- हाउस प्रॉपर्टी इनकम: यदि आपके पास दो प्रॉपर्टी हैं, तो अब दोनों प्रॉपर्टीज़ पर टैक्स छूट मिल सकती है।
- डोनेशन पर छूट: दान की गई राशि पर भी छूट का दावा करें।
सीनियर सिटीजन के लिए महत्वपूर्ण बदलाव
नियम | पहले | अब (2025-26) |
TDS सीमा (FD ब्याज) | ₹50,000 | ₹1,00,000 |
Section 80D कटौती | ₹25,000 | ₹50,000 |
दो प्रॉपर्टीज़ पर छूट | एक प्रॉपर्टी | दो प्रॉपर्टीज़ |
न्यूनतम कर योग्य आय सीमा | ₹5 लाख | ₹12 लाख |
नई व्यवस्था बनाम पुरानी व्यवस्था
नई व्यवस्था उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो कम निवेश करते हैं और सरलता चाहते हैं। वहीं पुरानी व्यवस्था उन लोगों के लिए बेहतर हो सकती है जो अधिक निवेश करते हैं और विभिन्न सेक्शन में कटौती का लाभ उठाते हैं।
निष्कर्ष
वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। FD पर TDS सीमा बढ़ाने और नई टैक्स स्लैब्स लागू करने से उनकी नकदी प्रवाह बेहतर होगी। साथ ही Section 80C और Section 80D जैसे प्रावधानों का सही उपयोग कर वे अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने हेतु लिखा गया है। कृपया अपने वित्तीय निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ सलाह लें।