Dhanteras 2024: धनतेरस हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो दिवाली के पांच दिनों के उत्सव की शुरुआत करता है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन लोग धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा करते हैं। धनतेरस के दिन नए बर्तन, गहने और अन्य कीमती सामान खरीदने की परंपरा है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस के दिन कुछ चीजों की खरीदारी करना अशुभ माना जाता है? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि धनतेरस के दिन किन चीजों की खरीदारी से बचना चाहिए ताकि आप दरिद्रता और अशुभ से बच सकें। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इस दिन क्या खरीदना चाहिए जो आपके जीवन में धन और समृद्धि लाए।
धनतेरस क्या है?
धनतेरस हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला त्योहार है। यह दिवाली के पांच दिनों के उत्सव का पहला दिन होता है। इस दिन लोग धन की देवी मां लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा और खरीदारी से व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि आती है।
धनतेरस शब्द का अर्थ है ‘धन का तेरहवां दिन’। ‘धन’ का अर्थ है संपत्ति और ‘तेरस’ का अर्थ है तेरहवां। इस दिन लोग अपने घरों और दुकानों की सफाई करते हैं और नए बर्तन, गहने, कपड़े आदि खरीदते हैं। रात को दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है।
धनतेरस 2024 की जानकारी
विवरण | तिथि/समय |
दिनांक | 29 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) |
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ | 29 अक्टूबर 2024 – 12:01 AM |
त्रयोदशी तिथि समाप्त | 30 अक्टूबर 2024 – 02:45 AM |
धनतेरस पूजा मुहूर्त | 29 अक्टूबर 2024 – 07:27 PM से 09:16 PM तक |
प्रदोष काल | 29 अक्टूबर 2024 – 06:37 PM से 09:16 PM तक |
वृषभ काल | 29 अक्टूबर 2024 – 07:27 PM से 09:19 PM तक |
धनतेरस पर न खरीदें ये चीजें
धनतेरस के दिन कुछ चीजों की खरीदारी करना अशुभ माना जाता है। इन चीजों को खरीदने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है और धन हानि हो सकती है। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी चीजें हैं जिन्हें धनतेरस के दिन नहीं खरीदना चाहिए:
1. लोहे की वस्तुएं
- लोहे के बर्तन
- लोहे के औजार
- लोहे की मूर्तियां
लोहे को शनि ग्रह से जोड़ा जाता है जो कठोर न्याय का प्रतीक है। इसलिए धनतेरस के दिन लोहे की वस्तुएं खरीदने से बचना चाहिए।
2. काले रंग की वस्तुएं
- काले कपड़े
- काले बर्तन
- काले रंग की कोई भी चीज
काला रंग अंधकार और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस प्रकाश का त्योहार है, इसलिए इस दिन काले रंग की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
3. तेज धार वाली वस्तुएं
- चाकू
- कैंची
- तलवार
- कुल्हाड़ी
तेज धार वाली वस्तुओं को खरीदना अशुभ माना जाता है क्योंकि ये समृद्धि को काटने का प्रतीक हैं।
4. टूटी-फूटी या इस्तेमाल की हुई चीजें
- पुरानी या इस्तेमाल की हुई वस्तुएं
- टूटे हुए बर्तन या सामान
धनतेरस नई शुरुआत का प्रतीक है। इसलिए इस दिन पुरानी या टूटी-फूटी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
5. शराब या नशीले पदार्थ
- शराब की बोतलें
- सिगरेट
- कोई भी नशीला पदार्थ
धनतेरस एक पवित्र त्योहार है। इस दिन नशीले पदार्थों की खरीदारी करना अशुभ माना जाता है।
6. कांच की वस्तुएं
- कांच के बर्तन
- कांच की मूर्तियां
- कांच की सजावटी सामग्री
कांच नाजुक होता है और टूटने का प्रतीक माना जाता है। इसलिए धनतेरस पर कांच की वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए।
7. तेल या घी
- खाना पकाने का तेल
- घी
धनतेरस के दिन तेल या घी खरीदना अशुभ माना जाता है। इस दिन इनका उपयोग भी कम से कम करना चाहिए।
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?
अब जब हमने जान लिया है कि धनतेरस पर किन चीजों की खरीदारी से बचना चाहिए, तो आइए जानते हैं कि इस दिन क्या खरीदना चाहिए जो आपके जीवन में धन और समृद्धि लाए:
1. सोना और चांदी
- सोने के गहने
- चांदी के बर्तन
- सोने-चांदी के सिक्के
सोना और चांदी खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। यह धन और समृद्धि का प्रतीक है।
2. पीतल और तांबे के बर्तन
- पीतल की थाली
- तांबे का लोटा
- पीतल या तांबे के अन्य बर्तन
पीतल और तांबा शुभ धातु मानी जाती हैं। इनसे बने बर्तन खरीदना शुभ होता है।
3. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
- टीवी
- फ्रिज
- वॉशिंग मशीन
- लैपटॉप
नए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदना भी शुभ माना जाता है।
4. वाहन
- कार
- मोटरसाइकिल
- स्कूटर
धनतेरस के दिन नया वाहन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
5. झाड़ू
झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है। यह घर से नकारात्मकता को दूर करने का प्रतीक है।
6. मूर्तियां
- गणेश जी की मूर्ति
- लक्ष्मी जी की मूर्ति
- कुबेर की मूर्ति
देवी-देवताओं की मूर्तियां खरीदना शुभ होता है।
7. किताबें
ज्ञान बढ़ाने वाली किताबें खरीदना भी अच्छा माना जाता है।
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। पूजा की विधि इस प्रकार है:
- घर की अच्छी तरह सफाई करें।
- स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करके रंगोली बनाएं।
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- गणेश जी, लक्ष्मी जी और कुबेर जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
- फूल, अक्षत, रोली, मौली, मिठाई, फल आदि चढ़ाएं।
- मंत्रों का उच्चारण करते हुए पूजा करें।
- आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
धनतेरस से जुड़ी पौराणिक कथाएं
धनतेरस से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से दो प्रमुख कथाएं हैं:
1. राजा हिमा की कथा
एक बार राजा हिमा के 16 वर्षीय पुत्र की मृत्यु का योग बना। ज्योतिषियों ने बताया कि उसकी शादी के चौथे दिन सांप के काटने से उसकी मृत्यु होगी। राजकुमार की पत्नी ने अपने पति को बचाने के लिए एक उपाय किया। उसने शादी के चौथे दिन अपने कमरे के द्वार पर सोने-चांदी के गहने और सिक्के रख दिए। उसने पूरी रात दीपक जलाए रखे और अपने पति को जगाए रखा।
जब यमराज सर्प के रूप में आए तो गहनों और दीपकों की चमक से उनकी आंखें चौंधिया गईं। वे कमरे में प्रवेश नहीं कर सके और लौट गए। इस प्रकार राजकुमार की जान बच गई। तब से यह दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाने लगा।
2. समुद्र मंथन की कथा
एक अन्य कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया था। इस मंथन से 14 रत्न निकले थे। इन्हीं में से एक थे भगवान धन्वंतरि जो हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं। इसी दिन मां लक्ष्मी भी प्रकट हुई थीं। इसलिए यह दिन धन और आरोग्य का प्रतीक बन गया।
धनतेरस के दिन क्या करें और क्या न करें
धनतेरस के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
क्या करें:
- सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- घर की अच्छी तरह सफाई करें।
- नए कपड़े पहनें।
- मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करें।
- दीपक जलाएं और रंगोली बनाएं।
- नए बर्तन या गहने खरीदें।
- परिवार के साथ समय बिताएं।
- गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।
क्या न करें:
- काले कपड़े न पहनें।
- शराब या मांस का सेवन न करें।
- किसी से झगड़ा न करें।
- नकारात्मक बातें न सोचें।
- पैसे उधार न दें या न लें।
- घर से बाहर रात में न निकलें।
- तेल या घी की खरीदारी न करें।
- लोहे की वस्तुएं न खरीदें।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। किसी भी धार्मिक या आर्थिक निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लेना उचित रहेगा। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।