सोना हमेशा से भारतीयों का पसंदीदा निवेश रहा है। लोग शादी-ब्याह, त्योहार या फिर बचत के लिए सोना खरीदते हैं। लेकिन हाल के दिनों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कुछ दिन पहले तक जहां सोना अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, वहीं अब इसकी कीमतों में गिरावट आई है।
इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर क्यों सोना अचानक से सस्ता हो गया है और 2024 में gold rates क्या हैं। साथ ही हम यह भी समझेंगे कि क्या अभी सोना खरीदना फायदेमंद होगा या नहीं। तो आइए शुरू करते हैं और जानते हैं सोने की कीमतों से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।
सोने की कीमतों में गिरावट क्यों?
सोने की कीमतों में आई गिरावट के पीछे कई कारण हैं:
- अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना: जब डॉलर मजबूत होता है तो सोना सस्ता हो जाता है। हाल में डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी देखी गई है।
- ब्याज दरों में वृद्धि: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना से सोने की मांग कम हुई है।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार: कोरोना महामारी के बाद अब अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं, जिससे सोने की safe haven demand कम हुई है।
- रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव कम होना: युद्ध के कारण बढ़ी अनिश्चितता अब कम हो रही है, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव कम हुआ है।
Today Gold Rates 2024
शहर | 22 कैरेट गोल्ड रेट (प्रति 10 ग्राम) | 24 कैरेट गोल्ड रेट (प्रति 10 ग्राम) |
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दिल्ली | ₹55,650 | ₹60,710 |
मुंबई | ₹55,500 | ₹60,540 |
कोलकाता | ₹55,350 | ₹60,380 |
चेन्नई | ₹55,700 | ₹60,760 |
बेंगलुरु | ₹55,400 | ₹60,440 |
हैदराबाद | ₹55,350 | ₹60,380 |
अहमदाबाद | ₹55,550 | ₹60,600 |
क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा?
सोने की कीमतों में गिरावट के बाद कई लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा। इस बारे में विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है:
- कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी सोना खरीदने का अच्छा मौका है क्योंकि कीमतें कम हुई हैं।
- वहीं कुछ का कहना है कि कीमतों में और गिरावट आ सकती है, इसलिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए।
- लंबी अवधि के निवेश के लिए अभी सोना खरीदा जा सकता है।
- छोटी अवधि के लिए निवेश करने वालों को सावधानी बरतनी चाहिए।
सोने में निवेश के तरीके
अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो कई विकल्प हैं:
- फिजिकल गोल्ड: आप सोने के सिक्के या ज्वैलरी खरीद सकते हैं।
- Gold ETF: स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाले गोल्ड ETF में निवेश कर सकते हैं।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले इन बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं।
- डिजिटल गोल्ड: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं।
सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स
सोने की कीमतों पर कई फैक्टर्स असर डालते हैं:
- वैश्विक आर्थिक स्थिति: अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ने पर सोने की मांग बढ़ती है।
- मुद्रास्फीति: महंगाई बढ़ने पर सोने की कीमतें बढ़ती हैं।
- करेंसी की कीमतें: डॉलर कमजोर होने पर सोना महंगा होता है।
- ब्याज दरें: ब्याज दरें कम होने पर सोने में निवेश बढ़ता है।
- भू-राजनीतिक तनाव: युद्ध या तनाव की स्थिति में सोने की मांग बढ़ती है।
Gold Investment के फायदे और नुकसान
फायदे:
- मुद्रास्फीति से सुरक्षा
- पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन
- लिक्विडिटी
- लंबी अवधि में मूल्य में वृद्धि
नुकसान:
- कोई नियमित आय नहीं
- स्टोरेज और इंश्योरेंस की लागत
- कीमतों में उतार-चढ़ाव
सोने की कीमतों का भविष्य
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबी अवधि में सोने की कीमतों में तेजी आ सकती है। कुछ प्रमुख कारण हैं:
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: कोरोना महामारी के बाद अभी भी कई देशों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से नहीं उबरी है।
- भू-राजनीतिक तनाव: रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य तनाव की स्थिति बनी हुई है।
- मुद्रास्फीति का खतरा: कई देशों में महंगाई दर अभी भी ऊंची है।
- केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद: कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने रिजर्व में सोने की मात्रा बढ़ा रहे हैं।
सोने में निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- शुद्धता की जांच: हमेशा हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें।
- खरीद का समय: त्योहारों के समय कीमतें ज्यादा होती हैं, इसलिए सामान्य दिनों में खरीदें।
- लंबी अवधि के लिए निवेश: सोने को लंबी अवधि के निवेश के रूप में देखें।
- पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन: अपने निवेश पोर्टफोलियो का 10-15% ही सोने में रखें।
- विभिन्न विकल्पों पर विचार: फिजिकल गोल्ड के अलावा ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर भी विचार करें।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। सोने में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है और भविष्य की कीमतों की गारंटी नहीं दी जा सकती। निवेश के फैसले लेते समय अपने जोखिम प्रोफाइल और वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखें।