आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स भारत में स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन वर्कर्स का मानदेय समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। हाल ही में, कई राज्यों ने इन वर्कर्स के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की है, जिससे उनके भविष्य को लेकर आशाएं बढ़ी हैं।
आंगनवाड़ी वर्कर्स और आशा वर्कर्स की मांगें हमेशा से ही उनके मानदेय में वृद्धि और सेवा लाभों में सुधार की रही हैं। कुछ राज्यों ने पहले ही इन वर्कर्स के मानदेय में वृद्धि की है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि 1 अप्रैल 2025 से उनका मानदेय 10% बढ़ने वाला है। इस लेख में, हम आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स के मानदेय वृद्धि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और उनकी वर्तमान स्थिति को समझने का प्रयास करेंगे।
Salary Hike for Anganwadi and ASHA Workers
आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स के मानदेय में वृद्धि की मांग लंबे समय से चल रही है। यहां एक तालिका है जिसमें इन वर्कर्स के मानदेय वृद्धि के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:
विवरण | जानकारी |
वर्तमान मानदेय (आंगनवाड़ी) | ₹4,500 (केंद्र) + ₹3,600 (राज्य) |
**वर्तमान मानदेय (आशा) | ₹2,000 – ₹4,000 (राज्य के अनुसार) |
प्रस्तावित मानदेय वृद्धि | 10% (अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं) |
वेतन वृद्धि का प्रभाव | जीवन स्तर में सुधार |
राज्यों की पहल | कुछ राज्यों ने पहले ही वृद्धि की है |
केंद्र सरकार की योजना | अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं |
वर्कर्स की मांगें | नियमित रोजगार, पेंशन लाभ |
आंगनवाड़ी वर्कर्स की स्थिति
आंगनवाड़ी वर्कर्स की स्थिति में सुधार के लिए कई राज्यों ने पहल की है। उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल में आंगनवाड़ी वर्कर्स का मानदेय ₹8,250 से बढ़ाकर ₹9,000 कर दिया गया है। इसी तरह, केरल में आंगनवाड़ी वर्कर्स ने अपने मानदेय को ₹21,000 करने की मांग की है, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है.
आशा वर्कर्स की स्थिति
आशा वर्कर्स के मानदेय में भी वृद्धि की मांगें हैं। कुछ राज्यों में आशा वर्कर्स का मानदेय ₹7,500 से ₹7,750 तक है, जो कार्यों के आधार पर भिन्न होता है. केंद्र सरकार ने आशा वर्कर्स के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की है, लेकिन यह वृद्धि अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुई है.
मानदेय वृद्धि के फायदे
मानदेय वृद्धि से आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स के जीवन स्तर में सुधार होगा। यह वृद्धि न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि उनके काम के प्रति प्रेरणा भी बढ़ाएगी।
चुनौतियाँ और मांगें
इन वर्कर्स की मुख्य मांगें हैं:
- नियमित रोजगार: आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को नियमित रोजगार की मांग है।
- पेंशन लाभ: सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन लाभ की मांग है।
- मानदेय वृद्धि: नियमित मानदेय वृद्धि की मांग है।
- सेवा लाभ: बेहतर सेवा लाभों की मांग है, जैसे कि ESI और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाएं.
राज्यों की पहल
कुछ राज्यों ने आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स के मानदेय में वृद्धि की है, जैसे कि पश्चिम बंगाल ने ₹750 की वृद्धि की ह. इसी तरह, केरल में भी मानदेय वृद्धि की मांगें हैं.
केंद्र सरकार की योजना
केंद्र सरकार ने आशा वर्कर्स के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की है, लेकिन यह वृद्धि अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुई है. केंद्र सरकार ने आशा वर्कर्स के लिए फिक्स्ड इंसेंटिव और ग्रेच्युटी जैसे लाभों की भी घोषणा की है.
निष्कर्ष
आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स के मानदेय में वृद्धि की मांगें जारी हैं। हालांकि कुछ राज्यों ने पहल की है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि 1 अप्रैल 2025 से उनका मानदेय 10% बढ़ने वाला है। यह वृद्धि इन वर्कर्स के जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि 1 अप्रैल 2025 से आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स का मानदेय 10% बढ़ने वाला है। यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और वर्तमान स्थिति के आधार पर है। किसी भी आधिकारिक घोषणा के लिए सरकारी अधिसूचनाओं का इंतजार करना उचित होगा।