बिहार ज़मीन दाखिल ख़ारिज नया प्रक्रिया शुरू नया नोटिस हुआ जारी Bihar Dakhil Kharij New Update 2024

Bihar Dakhil Kharij New Update 2024: बिहार सरकार ने जमीन के दाखिल-खारिज यानि म्यूटेशन की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए एक नया नियम लागू किया है। इस नए नियम के तहत, अब जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही दाखिल-खारिज के लिए आवेदन अपने आप हो जाएगा। इसे ‘सुओ-मोटो दाखिल-खारिज’ कहा जा रहा है।

इस नई व्यवस्था से लोगों को काफी फायदा होगा। अब उन्हें अलग से दाखिल-खारिज के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा और न ही इसके लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। यह प्रक्रिया पहले से काफी तेज और आसान हो जाएगी। आइए इस नई प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानते हैं।

बिहार जमीन दाखिल खारिज क्या है?

बिहार में जमीन दाखिल खारिज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत जमीन के मालिक का नाम सरकारी रिकॉर्ड में बदला जाता है। जब कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है, उसे विरासत में पाता है या किसी अन्य कानूनी तरीके से जमीन हासिल करता है, तो उसे इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इससे नए मालिक का नाम सरकारी दस्तावेजों में दर्ज हो जाता है।

बिहार जमीन दाखिल खारिज नई प्रक्रिया 2024: एक नज़र में

विवरणजानकारी
प्रक्रिया का नामसुओ-मोटो दाखिल-खारिज
लागू करने वाला विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार
मुख्य बदलावरजिस्ट्री के साथ ही स्वचालित दाखिल-खारिज आवेदन
लाभार्थीजमीन खरीदने या पाने वाले सभी लोग
आवेदन शुल्ककोई शुल्क नहीं
प्रक्रिया की अवधिलगभग 10-15 दिन
आवश्यक दस्तावेजआधार कार्ड, जमीन का बिक्री विलेख, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद
आवेदन का तरीकारजिस्ट्री के समय स्वचालित

बिहार जमीन दाखिल खारिज नई प्रक्रिया की मुख्य बातें

  1. स्वचालित आवेदन: जमीन रजिस्ट्री के समय ही दाखिल-खारिज के लिए आवेदन अपने आप हो जाएगा।
  2. अलग आवेदन नहीं: अब अलग से ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।
  3. तेज प्रक्रिया: नई व्यवस्था से दाखिल-खारिज प्रक्रिया 10-15 दिनों में पूरी हो जाएगी।
  4. पारदर्शिता: पूरी प्रक्रिया डिजिटल होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार कम होगा।
  5. समय और पैसे की बचत: लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

नई प्रक्रिया के फायदे

  1. समय की बचत: पहले जहां यह प्रक्रिया महीनों तक चल सकती थी, अब यह कुछ दिनों में ही पूरी हो जाएगी।
  2. भ्रष्टाचार में कमी: स्वचालित प्रक्रिया होने से बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
  3. आसान प्रक्रिया: लोगों को अलग से कोई फॉर्म भरने या दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
  4. डिजिटल रिकॉर्ड: सभी जानकारी डिजिटल रूप में रखी जाएगी, जिससे भविष्य में इसे आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा।
  5. गलतियों में कमी: मैनुअल प्रक्रिया की तुलना में स्वचालित प्रक्रिया में गलतियों की संभावना कम होती है।

नई प्रक्रिया कैसे काम करेगी?

  1. जब कोई व्यक्ति जमीन की रजिस्ट्री कराएगा, उसी समय एक फॉर्म भरा जाएगा।
  2. इस फॉर्म में दी गई जानकारी अपने आप अंचल कार्यालय को भेज दी जाएगी।
  3. अंचल कार्यालय इस जानकारी के आधार पर दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
  4. अगर 15 दिनों के अंदर कोई आपत्ति नहीं आती, तो दाखिल-खारिज मंजूर कर दिया जाएगा।
  5. अगर कोई आपत्ति आती है, तो उसका निपटारा किया जाएगा और फिर प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज

नई प्रक्रिया में भी कुछ दस्तावेज जरूरी होंगे। इनमें शामिल हैं:

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  • आधार कार्ड
  • जमीन का बिक्री विलेख (सेल डीड)
  • प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद
  • राशन कार्ड (पते के प्रमाण के लिए)

क्या ध्यान रखें?

  1. सही जानकारी दें: रजिस्ट्री के समय दी गई जानकारी सही और पूरी होनी चाहिए।
  2. दस्तावेज तैयार रखें: सभी जरूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखें।
  3. समय सीमा का ध्यान रखें: अगर कोई आपत्ति है तो 15 दिनों के अंदर जरूर करें।
  4. ऑनलाइन स्टेटस चेक करें: प्रक्रिया की स्थिति ऑनलाइन चेक करते रहें।
  5. हेल्पलाइन का उपयोग करें: अगर कोई समस्या हो तो सरकारी हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

अस्वीकरण (Disclaimer): यह लेख सरकारी घोषणाओं और उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। हालांकि यह योजना वास्तविक है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में समय लग सकता है। कृपया किसी भी कार्रवाई से पहले अपने स्थानीय राजस्व कार्यालय से संपर्क करें और नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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