Bihar Jamin Registry: महिलाओं को कम स्टांप ड्यूटी, पूरी प्रक्रिया हुई डिजिटल – जानिए नए नियम का आपको क्या फायदा मिलेगा

बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य जमीन विवादों को कम करना और रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाना है। इन नए नियमों के तहत, जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में आधार कार्ड का अनिवार्य उपयोग, ऑनलाइन सत्यापन, इलेक्ट्रॉनिक स्टैंपिंग, और ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड की सुविधा शामिल है। इन बदलावों से रजिस्ट्री प्रक्रिया अधिक सुरक्षित, तेज और पारदर्शी होने की उम्मीद है।

बिहार में जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया है, जिससे लोगों को जमीन खरीदने और बेचने में आसानी होगी। सरकार का यह प्रयास जमीन से जुड़े विवादों को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए है। नए नियमों के तहत, जमीन रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे लोग घर बैठे ही रजिस्ट्री के लिए आवेदन कर सकते हैं।

इन नए नियमों के साथ, बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री को पेपरलेस बनाने का भी फैसला किया है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इस प्रक्रिया में जमीन का ऑनलाइन रिकॉर्ड अपडेट होना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

Bihar Jamin Registry New Rules

विवरणजानकारी
नियम लागू होने की तिथि24 सितंबर 2024 (पहले चरण), 1 अप्रैल 2025 (पेपरलेस प्रक्रिया)
लागू करने वाला विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार
मुख्य उद्देश्यजमीन विवाद कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना
प्रमुख बदलावआधार अनिवार्य, ऑनलाइन सत्यापन, इलेक्ट्रॉनिक स्टैंपिंग, पेपरलेस प्रक्रिया
लाभार्थीबिहार के सभी भूमि मालिक
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों
आवश्यक दस्तावेजआधार कार्ड, जमाबंदी, नक्शा आदि
हेल्पलाइन नंबर1800-345-6188

नए नियमों की मुख्य विशेषताएं

  • आधार कार्ड अनिवार्य: जमीन रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा। इससे फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।
  • ऑनलाइन सत्यापन: भूमि स्वामित्व का ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
  • इलेक्ट्रॉनिक स्टैंपिंग: स्टैंप पेपर के बजाय इलेक्ट्रॉनिक स्टैंप का उपयोग किया जाएगा। यह प्रक्रिया को तेज और सुरक्षित बनाएगा।
  • ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड: लोग अपने दस्तावेज जैसे नक्शा और संपत्ति कर रसीद ऑनलाइन अपलोड कर सकेंगे।
  • डिजिटल सिग्नेचर: रजिस्ट्रार डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग करेंगे, जिससे प्रक्रिया तेज होगी।
  • पेपरलेस प्रक्रिया: 1 अप्रैल 2025 से जमीन रजिस्ट्री पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगी, जिससे प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी।

जमीन रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज

जमीन रजिस्ट्री के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  • आधार कार्ड: खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है।
  • जमाबंदी: जमीन की जमाबंदी की प्रति।
  • नक्शा: जमीन का नक्शा।
  • संपत्ति कर रसीद: संपत्ति कर की अद्यतन रसीद।
  • पैन कार्ड: खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए पैन कार्ड।

जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में सुधार

बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में कई सुधार किए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • ऑनलाइन आवेदन: लोग अब घर बैठे ही जमीन रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म: जमीन रजिस्ट्री के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है।
  • बायोमेट्रिक सत्यापन: आधार कार्ड से लिंकिंग के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा, जिससे फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा।

जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों के लाभ

इन नए नियमों के लागू होने से जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई लाभ होंगे:

  • पारदर्शिता: प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
  • सुरक्षा: इलेक्ट्रॉनिक स्टैंपिंग और डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से प्रक्रिया सुरक्षित होगी।
  • समय और धन की बचत: ऑनलाइन प्रक्रिया से समय और धन की बचत होगी।
  • सरलीकरण: पेपरलेस प्रक्रिया से रजिस्ट्री प्रक्रिया सरल होगी।

जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों के लिए तैयारी

इन नए नियमों के लागू होने से पहले, लोगों को अपने दस्तावेजों को अद्यतन करना होगा और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने के लिए तैयार रहना होगा। इसके अलावा, जमीन का ऑनलाइन रिकॉर्ड अपडेट होना भी अनिवार्य होगा।

निष्कर्ष

बिहार सरकार द्वारा जमीन रजिस्ट्री के लिए लागू किए गए नए नियम जमीन विवादों को कम करने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने में मदद करेंगे। इन नियमों से लोगों को जमीन खरीदने और बेचने में आसानी होगी और प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और तेज होगी।

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Disclaimer: यह लेख बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान करता है। यह जानकारी वास्तविक और आधिकारिक स्रोतों पर आधारित हो सकती है, लेकिन किसी भी विशिष्ट मामले में निर्णय लेने से पहले आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करना उचित होगा।

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