Bihar Jamin Survey Big Update: अब आवेदन में बांशावली नहीं लगेगी, जानें क्या है नया बदलाव

बिहार राज्य में जमीन सर्वेक्षण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अब आवेदन में बंशावली लगाने की आवश्यकता नहीं होगी, जो कि एक बड़ी राहत की बात है। यह नया नियम राज्य के नागरिकों के लिए जमीन से संबंधित मामलों को सरल और सुगम बनाने का एक प्रयास है।

इस नए बदलाव से न केवल आवेदन प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत होगी। यह कदम डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप है, जिसका उद्देशय सरकारी सेवाओं को अधिक accessible और user-friendly बनाना है।

बिहार जमीन सर्वेक्षण: नए बदलाव का परिचय

बिहार जमीन सर्वेक्षण में हुए इस नए बदलाव के बारे में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित तालिका में दी गई है:

विवरणजानकारी
योजना का नामबिहार जमीन सर्वेक्षण अपडेट
मुख्य बदलावबंशावली की आवश्यकता समाप्त
लाभार्थीबिहार के सभी नागरिक
उद्देश्यजमीन संबंधी प्रक्रियाओं को सरल बनाना
कार्यान्वयन एजेंसीबिहार सरकार का राजस्व विभाग
लागू होने की तिथितत्काल प्रभाव से
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों

बंशावली क्या है और इसे हटाने का क्या प्रभाव पड़ेगा?

बंशावली एक दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति के पूर्वजों का विवरण प्रदान करता है। इसे हटाने से निम्नलिखित प्रभाव पड़ेंगे:

  1. प्रक्रिया में तेजी: आवेदन प्रक्रिया अब और अधिक तेज हो जाएगी।
  2. कागजी कार्रवाई में कमी: कम दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
  3. समय की बचत: आवेदकों को बंशावली जुटाने में लगने वाला समय बचेगा।
  4. त्रुटियों में कमी: गलत या अधूरी बंशावली के कारण होने वाली त्रुटियां कम होंगी।

डिजिटल इंडिया और Land Records Digitization

यह नया बदलाव डिजिटल इंडिया अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अंतर्गत:

  • ऑनलाइन रिकॉर्ड: सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
  • आसान पहुंच: नागरिक कहीं से भी अपने भूमि रिकॉर्ड देख सकेंगे।
  • पारदर्शिता: डिजिटलीकरण से प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • भ्रष्टाचार में कमी: मैनुअल हस्तक्षेप कम होने से भ्रष्टाचार के अवसर कम होंगे।

नए बदलाव का प्रभाव: किसानों और आम जनता पर

इस बदलाव का सबसे अधिक प्रभाव किसानों और आम जनता पर पड़ेगा:

  1. किसानों के लिए लाभ:
    • फसल ऋण प्राप्त करने में आसानी
    • सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में सुविधा
    • भूमि विवादों का त्वरित निपटारा
  2. आम जनता के लिए लाभ:
    • प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री में सरलता
    • भूमि संबंधी दस्तावेजों की आसान उपलब्धता
    • कम समय और लागत में काम पूरा होना

जमीन सर्वेक्षण प्रक्रिया: पहले और अब

पुरानी प्रक्रिया और नई प्रक्रिया में अंतर:

पहले:

  • बंशावली जमा करना अनिवार्य था
  • लंबी और जटिल प्रक्रिया
  • अधिक समय लगता था
  • त्रुटियों की संभावना अधिक थी

अब:

  • बंशावली की आवश्यकता नहीं
  • सरल और सीधी प्रक्रिया
  • कम समय में काम पूरा
  • त्रुटियों की संभावना कम

टेक्नोलॉजी का उपयोग: सर्वेक्षण में नवाचार

बिहार सरकार जमीन सर्वेक्षण में नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर रही है:

  1. ड्रोन मैपिंग: सटीक भूमि मापन के लिए ड्रोन का उपयोग
  2. जीआईएस (GIS) प्रणाली: भौगोलिक जानकारी के डिजिटल मानचित्रण के लिए
  3. सैटेलाइट इमेजरी: बड़े क्षेत्रों के सर्वेक्षण के लिए
  4. मोबाइल ऐप: फील्ड सर्वेक्षण के लिए स्मार्टफोन आधारित समाधान

आवेदन प्रक्रिया: स्टेप बाय स्टेप गाइड

नई प्रक्रिया के अनुसार आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं: बिहार सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं
  2. फॉर्म भरें: आवश्यक जानकारी भरें (बिना बंशावली के)
  3. दस्तावेज अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें
  4. शुल्क जमा करें: निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा करें
  5. आवेदन जमा करें: सभी जानकारी की पुष्टि करके आवेदन सबमिट करें
  6. ट्रैकिंग आईडी प्राप्त करें: भविष्य में संदर्भ के लिए ट्रैकिंग आईडी नोट कर लें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. प्रश्न: क्या पुराने आवेदनों पर यह नियम लागू होगा?
    उत्तर: नहीं, यह नियम केवल नए आवेदनों पर लागू होगा।
  2. प्रश्न: क्या ऑफलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है?
    उत्तर: हां, ऑफलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है।
  3. प्रश्न: क्या इस बदलाव से भूमि विवाद बढ़ेंगे?
    उत्तर: नहीं, इस बदलाव का उद्देश्य विवादों को कम करना है।
  4. प्रश्न: क्या बंशावली पूरी तरह से अप्रासंगिक हो गई है?
    उत्तर: नहीं, कुछ विशेष मामलों में बंशावली अभी भी महत्वपूर्ण हो सकती है।
  5. प्रश्न: इस बदलाव से किसे सबसे अधिक लाभ होगा?
    उत्तर: इस बदलाव से छोटे किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को सबसे अधिक लाभ होगा।

भविष्य की योजनाएं

बिहार सरकार भविष्य में और भी कई सुधार लाने की योजना बना रही है:

  1. ब्लॉकचेन तकनीक: भूमि रिकॉर्ड्स को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए
  2. AI और ML का उपयोग: डेटा विश्लेषण और त्रुटि सुधार के लिए
  3. वन-स्टॉप सोल्यूशन: सभी भूमि संबंधी सेवाओं के लिए एक ही प्लेटफॉर्म
  4. मोबाइल ऐप: स्मार्टफोन के माध्यम से सभी सेवाओं तक पहुंच

निष्कर्ष

बिहार जमीन सर्वेक्षण में यह नया बदलाव एक स्वागत योग्य कदम है। यह न केवल प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि लोगों के समय और संसाधनों की भी बचत करेगा। यह डिजिटल इंडिया के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भूमि प्रबंधन प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता लाएगा।

हालांकि, इस बदलाव को सफल बनाने के लिए सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर काम करना होगा। डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना होगा कि यह बदलाव समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे और उनके लिए लाभदायक हो।

Advertisements

डिस्क्लेमर

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि इस जानकारी को सटीक रखने का प्रयास किया गया है, फिर भी यह सलाह दी जाती है कि किसी भी कार्रवाई से पहले आप बिहार सरकार के आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि कर लें। नीतियों और प्रक्रियाओं में बदलाव हो सकता है, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट या संबंधित कार्यालयों से संपर्क करें।

Leave a Comment

Join Whatsapp