Bihar Land Survey: दाखिल- खारिज, जमाबंदी और बंदोबस्ती में बड़ा खेल,अंचल कार्यालयों की हकीकत से उड़ी

Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने राज्य में व्यापक भूमि सर्वेक्षण शुरू किया है। इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करना और भूमि संबंधी विवादों को कम करना है। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं, खासकर दाखिल-खारिज, जमाबंदी और बंदोबस्ती के मामलों में।

अंचल कार्यालयों में लोगों को अपने जमीन के कागजात जुटाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें भी सामने आई हैं। इस लेख में हम बिहार भूमि सर्वेक्षण की पूरी प्रक्रिया, उसकी चुनौतियों और वास्तविक स्थिति पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

बिहार भूमि सर्वेक्षण क्या है?

बिहार भूमि सर्वेक्षण एक व्यापक अभियान है जिसके तहत राज्य की सभी जमीनों का विस्तृत और सटीक सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है:

  • जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करना
  • भूमि संबंधी विवादों को कम करना
  • डिजिटल भूमि रिकॉर्ड तैयार करना
  • सरकारी जमीन की पहचान करना
  • अवैध कब्जे वाली जमीन को चिह्नित करना

यह सर्वेक्षण बिहार के सभी 45,000 गांवों में एक साथ शुरू किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि जुलाई 2025 तक इसे पूरा कर लिया जाए।

बिहार भूमि सर्वेक्षण की मुख्य बातें

विवरणजानकारी
शुरुआत तिथि20 अगस्त 2024
लक्षित समापनजुलाई 2025
कवरेज45,000 गांव
मुख्य उद्देश्यभूमि रिकॉर्ड अपडेट करना
कार्यान्वयन एजेंसीराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
आवश्यक दस्तावेजखतियान, जमाबंदी, वंशावली आदि
ऑनलाइन पोर्टलdlrs.bihar.gov.in

दाखिल-खारिज प्रक्रिया में चुनौतियां

दाखिल-खारिज जमीन के स्वामित्व में बदलाव को दर्ज करने की प्रक्रिया है। भूमि सर्वेक्षण के दौरान इसमें कई समस्याएं सामने आ रही हैं:

  • पुराने रिकॉर्ड का अभाव: कई मामलों में पुराने दाखिल-खारिज के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं।
  • लंबित मामले: बड़ी संख्या में दाखिल-खारिज के मामले लंबित हैं जिन्हें जल्द निपटाना चुनौतीपूर्ण है।
  • भ्रष्टाचार: कुछ अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायतें आई हैं।
  • जटिल प्रक्रिया: दाखिल-खारिज की प्रक्रिया जटिल होने से आम लोगों को समझने में दिक्कत होती है।
  • समय की कमी: सीमित समय में इतने सारे मामलों को निपटाना मुश्किल है।

जमाबंदी से जुड़ी समस्याएं

जमाबंदी भूमि का राजस्व रिकॉर्ड है। भूमि सर्वेक्षण में इससे जुड़ी कई चुनौतियां हैं:

  • अपडेट न होना: कई जगह जमाबंदी लंबे समय से अपडेट नहीं हुई है।
  • गलत जानकारी: कुछ मामलों में जमाबंदी में गलत जानकारी दर्ज है।
  • विरोधाभासी दावे: एक ही जमीन पर कई लोगों के दावे हैं।
  • खोए हुए रिकॉर्ड: कई पुराने जमाबंदी रिकॉर्ड गुम हो गए हैं।
  • डिजिटलीकरण की समस्या: पुराने रिकॉर्ड को डिजिटल करने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं।

बंदोबस्ती प्रक्रिया की वास्तविकता

बंदोबस्ती भूमि के स्वामित्व और सीमांकन को तय करने की प्रक्रिया है। इसमें निम्न चुनौतियां हैं:

  • विवाद: परिवारों के बीच जमीन बंटवारे को लेकर विवाद।
  • सीमा विवाद: पड़ोसी गांवों के बीच सीमा विवाद।
  • अवैध कब्जे: सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की समस्या।
  • तकनीकी समस्याएं: जीपीएस मैपिंग में तकनीकी खामियां।
  • मानव संसाधन की कमी: पर्याप्त प्रशिक्षित कर्मचारियों का अभाव।

अंचल कार्यालयों की वास्तविक स्थिति

अंचल कार्यालय भूमि सर्वेक्षण का केंद्र बिंदु हैं। लेकिन इनकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है:

  • भीड़भाड़: कार्यालयों में लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही है।
  • लंबी कतारें: लोगों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है।
  • अव्यवस्था: उचित प्रबंधन की कमी से अव्यवस्था फैली है।
  • भ्रष्टाचार: कुछ कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायतें।
  • अपर्याप्त सुविधाएं: बैठने, पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव।

सर्वेक्षण में आम लोगों की परेशानियां

भूमि सर्वेक्षण में आम लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है:

  • दस्तावेज जुटाने में कठिनाई
  • बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाना
  • लंबी प्रतीक्षा और समय की बर्बादी
  • प्रक्रिया को समझने में दिक्कत
  • बिचौलियों द्वारा शोषण
  • गलत जानकारी और अफवाहें

सरकार के प्रयास और सुधार

सरकार इन समस्याओं से अवगत है और निम्न कदम उठा रही है:

  • ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत
  • अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति
  • प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन
  • जागरूकता अभियान चलाना
  • शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना
  • प्रक्रिया को सरल बनाना

भूमि सर्वेक्षण का महत्व

इन सभी चुनौतियों के बावजूद, भूमि सर्वेक्षण का महत्व कम नहीं होता:

  • भूमि विवादों में कमी
  • पारदर्शी भूमि रिकॉर्ड
  • कृषि और विकास को बढ़ावा
  • राजस्व संग्रह में वृद्धि
  • भूमि प्रबंधन में सुधार

आगे की राह

भूमि सर्वेक्षण को सफल बनाने के लिए निम्न कदम उठाए जा सकते हैं:

  • तकनीकी उन्नयन
  • कर्मचारियों का प्रशिक्षण
  • जन भागीदारी बढ़ाना
  • पारदर्शिता सुनिश्चित करना
  • निगरानी तंत्र मजबूत करना
  • समय सीमा का पालन

निष्कर्ष

बिहार भूमि सर्वेक्षण एक महत्वाकांक्षी और आवश्यक कदम है। इसमें कई चुनौतियां हैं, लेकिन सही दिशा में प्रयास करके इन्हें दूर किया जा सकता है। सरकार, प्रशासन और जनता के सामूहिक प्रयास से इस सर्वेक्षण को सफल बनाया जा सकता है।

अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। भूमि सर्वेक्षण एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें कई स्थानीय मुद्दे हो सकते हैं। किसी भी कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई के लिए संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें। सर्वेक्षण की वास्तविक स्थिति स्थान और समय के अनुसार भिन्न हो सकती है।

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