Bihar Ration Update: राशन वितरण में बदलाव, गेहूं की मात्रा में इजाफा, पूरी जानकारी यहां पढ़ें

Bihar Ration Vitran New Update: बिहार में राशन वितरण प्रणाली में हाल ही में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव गरीब और जरूरतमंद लोगों को अधिक पोषणयुक्त खाद्य सामग्री प्रदान करने और राशन वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं। इस लेख में, हम इन नए नियमों और बदलावों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे。

बिहार में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ONORC) योजना के तहत, अगस्त 2024 में 89.39 लाख से अधिक लाभार्थियों ने राशन कार्ड का उपयोग करके खाद्यान्न प्राप्त किया है। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत आती है और लाभार्थियों को अपने राज्य या अन्य राज्यों में किसी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) दुकान से खाद्यान्न प्राप्त करने की अनुमति देती है.

राशन वितरण में बदलाव

नए नियम 2024

2024 में, केंद्र सरकार ने राशन कार्ड से जुड़े नए नियम जारी किए हैं जो देश के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के लिए खाद्य वितरण प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे।

  • चावल की जगह गेहूं और अन्य सामग्री: पहले सरकार राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में चावल प्रदान करती थी, लेकिन अब नए नियमों के तहत चावल की जगह गेहूं, दालें, चना, चीनी, नमक, सरसों का तेल, आटा, सोयाबीन, और मसाले दिए जाएंगे। यह बदलाव जरूरतमंद लोगों तक अधिक पोषणयुक्त खाद्य सामग्री पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है.

ई-केवाईसी और राशन कार्ड अपडेट

  • ई-केवाईसी अनिवार्य: हर राशन कार्ड धारक को अपना ई-केवाईसी करवाना होगा। यह प्रक्रिया 31 अक्टूबर 2024 तक पूरी करनी होगी। ई-केवाईसी न करवाने पर नवंबर 2024 से राशन नहीं मिलेगा.
  • राशन कार्ड अपडेट: राशन कार्ड को नियमित रूप से अपडेट करना होगा। मृतक व्यक्तियों और विवाहित बेटियों के नाम राशन कार्ड से हटाए जाएंगे.

राशन वितरण के आंकड़े

बिहार में राशन वितरण की जानकारी

विवरणजानकारी
कुल लाभार्थी8.71 करोड़ से अधिक लोग बिहार में PDS के तहत लाभान्वित होते हैं
राशन कार्ड जारीबिहार में लगभग 1.68 करोड़ राशन कार्ड विभिन्न योजनाओं जैसे Antyodaya Anna Yojana (AAY), Below Poverty Line (BPL), और Priority Household (PHH) श्रेणियों के तहत जारी किए गए हैं
NFSA कवरेजबिहार की लगभग 86% आबादी NFSA के तहत आती है, जिससे अधिकांश निवासियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न मिलते हैं
मासिक खाद्यान्न वितरणबिहार में प्रति माह लगभग 4-5 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न (गेहूं और चावल) राशन कार्ड धारकों को वितरित किए जाते हैं
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद2024-25 के विपणन वर्ष में, 9,903 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद MSP पर की गई है

पारदर्शिता और कुशलता

तकनीक का उपयोग

  • ई-केवाईसी और आधार कार्ड सत्यापन: राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। 95% लाभार्थियों का आधार कार्ड सत्यापन पूरा हो चुका है, और 5.10 करोड़ लोगों (61%) का ई-केवाईसी किया गया है.
  • डिजिटल निगरानी: आधार आधारित PDS और तकनीक का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि लाभार्थी दुकान मालिकों के पास उपलब्ध खाद्यान्न की मात्रा और वितरण के विवरण के बारे में वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त कर सकें.

पात्रता और नियम

नए पात्रता मानदंड

  • गरीब और जरूरतमंद लोग: राशन कार्ड केवल उन लोगों को प्रदान किया जाएगा जो गरीब, बेसहारा या जरूरतमंद हैं.
  • भारत का स्थायी निवासी: राशन कार्ड के लिए आवेदक का भारत का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है.
  • श्रमिक और मजदूर वर्ग: श्रमिक या मजदूर वर्ग के लोग इस योजना के पात्र होंगे, और परिवार की आर्थिक स्थिति की जांच के बाद ही उन्हें राशन कार्ड प्रदान किया जाएगा.

मासिक राशन वितरण में बदलाव

खाद्यान्न की मात्रा और प्रकार

  • गेहूं और अन्य सामग्री: अब राशन कार्ड धारकों को गेहूं, दालें, चना, चीनी, नमक, सरसों का तेल, आटा, सोयाबीन, और मसाले दिए जाएंगे.
  • पूर्व में मुफ्त चावल: पहले सरकार राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में चावल प्रदान करती थी, लेकिन अब यह योजना बदल गई है.

निष्कर्ष

बिहार में राशन वितरण प्रणाली में हुए बदलाव गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। ये बदलाव न केवल राशन वितरण को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाते हैं, बल्कि लाभार्थियों को अधिक पोषणयुक्त खाद्य सामग्री भी प्रदान करते हैं। ई-केवाईसी और आधार कार्ड सत्यापन जैसी तकनीकी पहलें यह सुनिश्चित करती हैं कि राशन का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंद लोगों तक ही पहुंचे।

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Disclaimer

डिस्क्लेमर: यह लेख उपलब्ध सार्वजनिक जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। राशन वितरण प्रणाली में बदलाव और नए नियम सरकार द्वारा जारी आधिकारिक नोटिफिकेशनों पर आधारित हैं। यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है और किसी भी विशिष्ट परिस्थिति में निर्णय लेने से पहले संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह जानकारी अद्यतन और सटीक है, आपको आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों या संबंधित विभागों से संपर्क करना चाहिए।

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