भारत सरकार ने हाल के वर्षों में काले धन पर लगाम लगाने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कैश ट्रांजैक्शन पर कई सख्त नियम लागू किए हैं। 2025 के नए इनकम टैक्स बिल में इन नियमों को और भी सख्त बनाया गया है। इसका उद्देश्य वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता लाना और अनधिकृत नकद लेन-देन को रोकना है।
इस लेख में, हम कैश ट्रांजैक्शन पर लागू नए नियमों, उनकी सीमा, और उल्लंघन करने पर लगने वाले दंड के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि ये नियम किस प्रकार व्यक्तिगत और व्यावसायिक करदाताओं को प्रभावित करते हैं।
कैश ट्रांजैक्शन पर नए नियम क्या हैं?
भारत में इनकम टैक्स एक्ट के तहत नकद लेन-देन की सीमा तय की गई है। यदि कोई व्यक्ति या व्यवसाय इन सीमाओं का उल्लंघन करता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
मुख्य नियम:
- ₹2 लाख से अधिक नकद प्राप्त करना: किसी एक दिन में, एक व्यक्ति से ₹2 लाख या उससे अधिक नकद प्राप्त करना प्रतिबंधित है।
- ₹20,000 से अधिक नकद ऋण या जमा: किसी भी प्रकार का ऋण या जमा ₹20,000 से अधिक नकद में लेना या लौटाना प्रतिबंधित है।
- ₹10,000 से अधिक नकद व्यय: व्यवसायों के लिए ₹10,000 से अधिक नकद खर्च को टैक्स कटौती योग्य नहीं माना जाएगा।
- ₹50 लाख से अधिक नकद जमा: बैंक खाते में ₹50 लाख से अधिक नकद जमा करने पर रिपोर्टिंग अनिवार्य है।
कैश ट्रांजैक्शन लिमिट का सारांश (तालिका)
नियम | सीमा |
एक दिन में नकद प्राप्ति की सीमा | ₹2 लाख |
ऋण/जमा/अग्रिम राशि की नकद सीमा | ₹20,000 |
व्यवसायिक खर्च की नकद सीमा | ₹10,000 |
संपत्ति खरीदने की नकद सीमा | ₹19,999 |
बचत खाते में नकद जमा की सीमा | ₹10 लाख प्रति वित्तीय वर्ष |
चालू खाते में नकद जमा की सीमा | ₹50 लाख प्रति वित्तीय वर्ष |
कैश ट्रांजैक्शन पर दंड
यदि आप उपरोक्त नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आपको भारी दंड का सामना करना पड़ सकता है।
प्रमुख दंड:
- सेक्शन 269ST का उल्लंघन: यदि कोई व्यक्ति ₹2 लाख या उससे अधिक नकद प्राप्त करता है, तो उसे प्राप्त राशि के बराबर जुर्माना लगाया जाएगा।
- सेक्शन 269SS का उल्लंघन: यदि कोई व्यक्ति ₹20,000 से अधिक नकद ऋण या जमा लेता है, तो उसे पूरी राशि के बराबर जुर्माना देना होगा।
- सेक्शन 40A(3): यदि व्यवसाय ₹10,000 से अधिक नकद खर्च करता है, तो वह खर्च टैक्स कटौती योग्य नहीं होगा।
- सेक्शन 194N: यदि किसी व्यक्ति ने एक वित्तीय वर्ष में ₹1 करोड़ से अधिक नकद निकासी की है, तो 2% टीडीएस लागू होगा।
कैश ट्रांजैक्शन पर लागू मुख्य सेक्शन
सेक्शन | विवरण |
सेक्शन 269ST | ₹2 लाख या उससे अधिक नकद प्राप्त करने पर प्रतिबंध |
सेक्शन 269SS | ₹20,000 से अधिक ऋण/जमा/अग्रिम राशि लेने पर प्रतिबंध |
सेक्शन 269T | ₹20,000 से अधिक ऋण/जमा लौटाने पर प्रतिबंध |
सेक्शन 40A(3) | ₹10,000 से अधिक नकद खर्च टैक्स कटौती योग्य नहीं |
सेक्शन 194N | ₹1 करोड़ से अधिक निकासी पर 2% टीडीएस |
कैश ट्रांजैक्शन क्यों सीमित किए गए हैं?
सरकार ने कैश ट्रांजैक्शन्स को सीमित करने के पीछे कई कारण बताए हैं:
- काले धन पर रोकथाम: बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन काले धन को बढ़ावा देते हैं।
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा: डिजिटल माध्यमों के उपयोग से पारदर्शिता और सुविधा बढ़ती है।
- टैक्स चोरी रोकना: कैश लेन-देन का रिकॉर्ड रखना मुश्किल होता है जिससे टैक्स चोरी होती है।
- आर्थिक विकास: डिजिटल भुगतान अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करता है।
व्यक्तिगत और व्यवसायिक करदाता कैसे प्रभावित होंगे?
व्यक्तिगत करदाता:
- बड़ी रकम का लेन-देन अब केवल बैंकिंग माध्यमों जैसे चेक, डिमांड ड्राफ्ट या ऑनलाइन ट्रांसफर द्वारा किया जा सकता है।
- संपत्ति खरीदने या बेचने के दौरान कैश का उपयोग सीमित हो गया है।
व्यवसायिक करदाता:
- सभी व्यावसायिक खर्चों का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य हो गया है।
- इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कैसे करें इन नियमों का पालन?
इन नियमों का पालन करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- सभी बड़े लेन-देन बैंकिंग माध्यमों द्वारा करें।
- अपने सभी खर्चों और आय का सही रिकॉर्ड रखें।
- डिजिटल भुगतान प्रणाली अपनाएं जैसे UPI, NEFT, RTGS आदि।
- अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स सलाहकार से नियमित रूप से सलाह लें।
महत्वपूर्ण टिप्स
- कभी भी बड़ी रकम को छोटे हिस्सों में बांटकर कैश में न लें। ऐसा करना भी कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
- बैंक खातों में बड़ी रकम जमा करते समय उसके स्रोत का प्रमाण रखें।
- संपत्ति खरीदने या बेचने के दौरान केवल बैंकिंग माध्यमों का उपयोग करें।
निष्कर्ष
कैश ट्रांजैक्शन्स पर लगाए गए ये नए नियम भारत सरकार की ओर से एक बड़ा कदम हैं जो वित्तीय पारदर्शिता और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
इन नियमों का पालन न केवल आपको कानूनी समस्याओं से बचाएगा बल्कि आपके वित्तीय लेन-देन को भी सुरक्षित बनाएगा।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी निर्णय लेने से पहले अपने टैक्स सलाहकार से सलाह लें।