दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) को बढ़ावा देने के लिए EV Policy 2.0 का प्रस्ताव पेश किया है। इस नीति का उद्देश्य दिल्ली को भारत का इलेक्ट्रिक वाहन हब बनाना और प्रदूषण को कम करना है। यह पॉलिसी 2025 में लागू होने की संभावना है और इसमें कई नई सुविधाएं और प्रोत्साहन शामिल हैं।
इस लेख में, हम आपको EV Policy 2.0 की सभी मुख्य बातें बताएंगे, जैसे कि महिलाओं के लिए सब्सिडी, पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपिंग इंसेंटिव, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार। यह पॉलिसी 2030 तक मान्य रहेगी और इसका लक्ष्य 2027 तक 95% नए वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाना है।
EV Policy 2.0: Key Highlights
नीचे EV Policy 2.0 का एक त्वरित अवलोकन दिया गया है:
विशेषता | विवरण |
लागू होने की तारीख | अप्रैल 2025 |
समाप्ति तिथि | मार्च 2030 |
महिलाओं के लिए सब्सिडी | ₹36,000 तक |
पुराने वाहनों पर इंसेंटिव | ₹10,000 (स्क्रैपिंग इंसेंटिव) |
चार्जिंग पॉइंट्स | 13,200 नए चार्जिंग स्टेशन |
लक्ष्य | 2027 तक 95% इलेक्ट्रिक वाहन |
रोजगार सृजन | 20,000 नई नौकरियां |
महिलाओं के लिए विशेष सब्सिडी
EV Policy 2.0 महिलाओं को इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स खरीदने पर ₹36,000 तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। यह सब्सिडी पहले 10,000 महिलाओं के लिए उपलब्ध होगी जो वैध ड्राइविंग लाइसेंस रखती हैं। सब्सिडी का विवरण इस प्रकार है:
- प्रति किलोवाट-घंटा (kWh) पर ₹12,000 की सब्सिडी।
- अधिकतम ₹36,000 तक की छूट।
- यह कदम महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपिंग इंसेंटिव
पुराने फॉसिल फ्यूल से चलने वाले वाहनों को हटाने के लिए सरकार ने स्क्रैपिंग इंसेंटिव की घोषणा की है:
- 12 साल से पुराने पेट्रोल/डीजल टू-व्हीलर्स को स्क्रैप करने पर ₹10,000 अतिरिक्त इंसेंटिव।
- CNG ऑटो रिक्शा जो 10 साल पूरे कर चुके हैं, उन्हें इलेक्ट्रिक ऑटो से बदलने पर ₹20,000 तक की छूट मिलेगी।
- पुराने CNG ऑटो रिक्शा के बदले ₹1 लाख तक का रिप्लेसमेंट इंसेंटिव।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
EVs को अपनाने में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दिल्ली सरकार ने इस दिशा में बड़े कदम उठाए हैं:
- पूरे शहर में 13,200 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
- हर 5 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन अनिवार्य होगा।
- नई इमारतों में कुल पार्किंग स्पेस का कम से कम 20% EV चार्जिंग के लिए आरक्षित होगा।
- पुराने भवनों में भी EV चार्जिंग पॉइंट्स लगाने का प्रावधान होगा।
अन्य प्रोत्साहन और सुविधाएं
EV Policy 2.0 केवल टू-व्हीलर्स तक सीमित नहीं है; यह तीन-पहिया और वाणिज्यिक वाहनों को भी कवर करती है:
- तीन-पहिया वाहन (Auto Rickshaws):
- L5M श्रेणी के इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा पर प्रति kWh ₹10,000 की छूट (अधिकतम ₹45,000)।
- पुराने CNG ऑटो रिक्शा हटाने पर ₹20,000 का स्क्रैपिंग इंसेंटिव।
- वाणिज्यिक वाहन:
- इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (e-LCVs) पर ₹75,000 तक की छूट।
- केवल EV ट्रकों और वाणिज्यिक वाहनों का पंजीकरण होगा।
- बसों का विद्युतीकरण:
- दिल्ली की सभी सार्वजनिक बसें इलेक्ट्रिक होंगी।
- सख्त नियम:
- अगस्त 2026 से पेट्रोल/डीजल टू-व्हीलर्स और अगस्त 2025 से फॉसिल फ्यूल थ्री-व्हीलर्स का पंजीकरण बंद।
रोजगार और पर्यावरणीय प्रभाव
EV Policy 2.0 न केवल पर्यावरणीय लाभ प्रदान करेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी:
- लगभग 20,000 नई नौकरियां सृजित होंगी।
- बैटरी स्वैपिंग और रीसाइक्लिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- वायु प्रदूषण में कमी आएगी जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं घटेंगी।
EV Policy 2.0 क्यों महत्वपूर्ण है?
दिल्ली भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। इस नीति का उद्देश्य वायु गुणवत्ता सुधारना और पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम करना है। इसके अलावा:
- यह नीति केंद्र सरकार की PM E-DRIVE योजना के साथ तालमेल में काम करेगी।
- दिल्ली को एक मॉडल EV शहर बनाने में मदद करेगी।
निष्कर्ष
EV Policy 2.0 एक महत्वाकांक्षी कदम है जो दिल्ली को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हब बनाने में मदद करेगा। महिलाओं के लिए विशेष सब्सिडी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और पुराने वाहनों को हटाने जैसे उपाय इसे एक समग्र नीति बनाते हैं।
Disclaimer:
यह योजना अभी ड्राफ्ट स्थिति में है और इसे लागू करने से पहले अंतिम मंजूरी दी जानी बाकी है। हालांकि इसमें दिए गए प्रावधान वास्तविक हैं, लेकिन इनके कार्यान्वयन में बदलाव हो सकता है।