FD पर टैक्स को लेकर बड़ा अपडेट! 2025 में कितना निवेश करने पर मिलेगा छूट या आएगा नोटिस? FD and Income Tax Limit 2025

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारत में निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प है, जो निवेशकों को सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है। FDs में निवेश करने से पहले, यह जानना महत्वपूर्ण है कि इनकम टैक्स कैसे लागू होता है और कब इनकम टैक्स नोटिस आ सकता है। वर्ष 2025 में, बजट में FDs पर Tax Deducted at Source (TDS) के नियमों में बदलाव किए गए हैं, जो निवेशकों के लिए जानना आवश्यक है।

FDs पर ब्याज दरें आमतौर पर 5% से 8% प्रति वर्ष के बीच होती हैं, जो निवेश की अवधि और वित्तीय संस्थान पर निर्भर करती हैं। निवेशक FDs को उनकी कैपिटल सुरक्षा, नियमित रिटर्न, और निवेश की आसानी के कारण पसंद करते हैं। हालांकि, इन लाभों के साथ टैक्सेशन और रिपोर्टिंग की जिम्मेदारियां भी आती हैं।

वर्ष 2025 के बजट में FDs पर TDS की सीमा में बदलाव किया गया है। अब सामान्य नागरिकों के लिए TDS की सीमा ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 प्रति वित्तीय वर्ष कर दी गई है, जबकि सीनियर सिटीजन्स के लिए यह सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 प्रति वित्तीय वर्ष हो गई है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा।

Fixed Deposits (FDs) and Income Tax Limit 2025

नीचे दी गई तालिका में FDs पर TDS और इनकम टैक्स लिमिट 2025 का विवरण दिया गया है:

विवरणनियम और सीमाएं
TDS सीमा (सामान्य नागरिक)₹50,000 प्रति वित्तीय वर्ष
TDS सीमा (सीनियर सिटीजन्स)₹1,00,000 प्रति वित्तीय वर्ष
TDS दर (PAN उपलब्ध होने पर)10%
TDS दर (PAN उपलब्ध नहीं होने पर)20%
SFT रिपोर्टिंग सीमा₹10 लाख से अधिक की कुल जमा राशि
फॉर्म 15G/15Hयदि आय कर-मुक्त सीमा से नीचे है, तो TDS बचाया जा सकता है
कर कटौती (सेक्शन 80C)टैक्स सेवर FD में निवेश पर ₹1.5 लाख तक की कटौती

फिक्स्ड डिपॉजिट पर इनकम टैक्स नोटिस कब आ सकता है?

इनकम टैक्स नोटिस आमतौर पर तब आता है जब आपकी आय कर-मुक्त सीमा से अधिक होती है या जब आपके द्वारा दी गई जानकारी में कोई विसंगति पाई जाती है। यदि आपकी FD से होने वाली ब्याज आय TDS की सीमा से अधिक है, तो आपको आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा। इसके अलावा, यदि आपकी कुल जमा राशि ₹10 लाख से अधिक है, तो आपकी लेनदेन की जानकारी Statement of Financial Transactions (SFT) के तहत रिपोर्ट की जा सकती है।

फॉर्म 15G और फॉर्म 15H का महत्व

यदि आपकी कुल आय कर-मुक्त सीमा से नीचे है और आपको लगता है कि आपके पास कोई कर देय नहीं है, तो आप अपने बैंक में फॉर्म 15G (सामान्य नागरिकों के लिए) या फॉर्म 15H (सीनियर सिटीजन्स के लिए) जमा कर सकते हैं। इससे आपके FD ब्याज पर TDS नहीं कटेगा।

कर कटौती के विकल्प

आपके पास सेक्शन 80C के तहत टैक्स सेवर FD में निवेश करके कर कटौती का लाभ उठाने का विकल्प है। इस योजना में निवेश की गई राशि ₹1.5 लाख तक कर-मुक्त होती है, लेकिन ब्याज आय पर कर देय होगा। सीनियर सिटीजन्स सेक्शन 80TTB के तहत FD ब्याज पर ₹50,000 तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्सेशन की प्रक्रिया

FDs पर ब्याज आय “इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज” के तहत आयकर रिटर्न में दिखाई जाती है। यदि आपकी आय कर-मुक्त सीमा से अधिक है, तो आपको आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा। TDS की दर आमतौर पर 10% होती है, लेकिन यदि आपके पास PAN नहीं है, तो यह दर 20% हो जाती है।

फिक्स्ड डिपॉजिट और SFT रिपोर्टिंग

यदि आपकी कुल FD जमा राशि ₹10 लाख से अधिक है, तो आपकी लेनदेन की जानकारी SFT के तहत रिपोर्ट की जा सकती है। यह रिपोर्टिंग वित्तीय संस्थानों द्वारा की जाती है और इसका उद्देश्य कर चोरी को रोकना है।

निष्कर्ष

फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन इसके साथ जुड़े टैक्सेशन और रिपोर्टिंग नियमों को समझना महत्वपूर्ण है। वर्ष 2025 में TDS की सीमा में बदलाव से निवेशकों को कुछ राहत मिली है, लेकिन आयकर रिटर्न दाखिल करना और SFT रिपोर्टिंग के नियमों का पालन करना आवश्यक है।

महत्वपूर्ण बातें

  • TDS सीमा: सामान्य नागरिकों के लिए ₹50,000 और सीनियर सिटीजन्स के लिए ₹1,00,000 प्रति वित्तीय वर्ष।
  • TDS दर: PAN उपलब्ध होने पर 10%, अन्यथा 20%।
  • SFT रिपोर्टिंग: ₹10 लाख से अधिक की कुल जमा राशि पर।
  • कर कटौती: सेक्शन 80C और सेक्शन 80TTB के तहत उपलब्ध।

आयकर नोटिस से बचने के लिए सुझाव

  1. आयकर रिटर्न दाखिल करें: यदि आपकी आय कर-मुक्त सीमा से अधिक है, तो आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है।
  2. फॉर्म 15G/15H जमा करें: यदि आपकी आय कर-मुक्त सीमा से नीचे है, तो TDS बचाने के लिए फॉर्म जमा करें।
  3. SFT रिपोर्टिंग का ध्यान रखें: ₹10 लाख से अधिक की जमा राशि पर SFT रिपोर्टिंग हो सकती है।

अंतिम विचार

फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने से पहले टैक्सेशन और रिपोर्टिंग नियमों को समझना महत्वपूर्ण है। इससे आपको आयकर नोटिस से बचने में मदद मिलेगी और आपका निवेश सुरक्षित रहेगा।

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Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए है और किसी विशिष्ट वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। व्यक्तिगत वित्तीय सलाह के लिए एक पेशेवर से परामर्श करना उचित होगा।

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