Indian Railways Advance Reservation Period: भारतीय रेलवे, जो कि विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है, का इतिहास 1832 से शुरू होता है। यह न केवल भारत के परिवहन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और समाज का भी अभिन्न अंग बन चुका है। भारतीय रेलवे ने समय के साथ कई बदलाव देखे हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण बदलाव टिकट बुकिंग प्रणाली में आया है।
पहले टिकट बुकिंग की प्रक्रिया मैनुअल होती थी, लेकिन 1986 में कंप्यूटराइजेशन के बाद यह प्रक्रिया काफी आसान हो गई। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या भारतीय रेलवे में हमेशा 120 दिन पहले टिकट बुक होता था और आरक्षण का इतिहास क्या है।
भारतीय रेलवे में आरक्षण का इतिहास
भारतीय रेलवे की आरक्षण प्रणाली का विकास समय के साथ हुआ है। पहले, यात्रियों को टिकट बुक करने के लिए लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता था। टिकट मैनुअल तरीके से काटे जाते थे, जिससे समय की बर्बादी होती थी। आइए जानते हैं इस प्रणाली के विकास के विभिन्न चरणों के बारे में।
प्रारंभिक दौर: मैनुअल टिकट बुकिंग
- टिकट बुकिंग प्रक्रिया: पहले यात्रियों को स्टेशन पर जाकर काउंटर पर लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता था। रेल कर्मचारी खाली सीटों की जानकारी देखकर ही टिकट काटते थे।
- टिकट का स्वरूप: टिकट छोटे कार्डबोर्ड टुकड़ों पर होते थे, जिन्हें हाथ से काटा जाता था।
कंप्यूटराइजेशन की शुरुआत
1986 में भारतीय रेलवे ने कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया शुरू की, जिससे टिकट बुकिंग में क्रांतिकारी बदलाव आया।
- पहली कंप्यूटरीकृत टिकट: पहली बार कंप्यूटर से टिकट काटने की प्रक्रिया नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शुरू हुई।
- आरक्षण प्रणाली का विकास: इसके बाद आई-टिकट और ई-टिकट जैसी सुविधाएं भी शुरू हुईं, जिससे यात्रियों को घर बैठे ही टिकट बुक करने की सुविधा मिली।
भारतीय रेलवे आरक्षण प्रणाली का अवलोकन
नीचे दी गई तालिका में भारतीय रेलवे की आरक्षण प्रणाली का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
विशेषता | विवरण |
आरंभिक वर्ष | 1986 |
प्रारंभिक प्रक्रिया | मैनुअल टिकट बुकिंग |
कंप्यूटराइजेशन | 1986 में नई दिल्ली से शुरू |
आई-टिकट | 2002 में IRCTC वेबसाइट पर शुरू |
ई-टिकट | 2005 में शुरू |
वर्तमान प्रणाली | ऑनलाइन बुकिंग और मोबाइल ऐप्स |
सुविधाएँ | तत्काल योजना, खानपान सेवाएँ |
विशेष ट्रेनें | तीर्थयात्रा और पर्यटन ट्रेनें |
भारतीय रेलवे की वर्तमान स्थिति
आज भारतीय रेलवे एक अत्याधुनिक प्रणाली बन चुकी है। अब यात्री आसानी से अपनी जरूरत के अनुसार टिकट बुक कर सकते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे IRCTC ने इस प्रक्रिया को और भी सरल बना दिया है।
क्या भारतीय रेलवे में हमेशा 120 दिन पहले टिकट बुक होता था?
भारतीय रेलवे की आरक्षण प्रणाली में एक महत्वपूर्ण पहलू यह रहा है कि सामान्यतः यात्री अपनी यात्रा की योजना बनाने के लिए 120 दिन पहले से ही टिकट बुक कर सकते थे। हालांकि, यह नियम सभी ट्रेनों पर लागू नहीं होता था। कुछ विशेष ट्रेनों और तत्काल योजनाओं में यह समय सीमा कम हो सकती थी।
तत्काल योजना
तत्काल योजना के तहत यात्रियों को कम समय में यात्रा करने की आवश्यकता होती है। इस योजना के अंतर्गत टिकट बुकिंग प्रक्रिया जल्दी होती है:
- बुकिंग समय: सामान्य कोच के लिए सुबह 11 बजे से और वातानुकूलित कोच के लिए सुबह 10 बजे से।
- सीट उपलब्धता: सीटें सीमित होती हैं और इन्हें जल्दी ही भर लिया जाता है।
आरक्षण प्रक्रिया का विकास
भारतीय रेलवे ने समय-समय पर अपनी आरक्षण प्रक्रिया को अपडेट किया है।
ऑनलाइन बुकिंग
आजकल अधिकांश यात्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपनी यात्रा की योजना बनाते हैं:
- IRCTC वेबसाइट: यात्री यहां पर अपने अनुसार ट्रेन और सीट चुन सकते हैं।
- मोबाइल ऐप्स: स्मार्टफोन एप्लिकेशन के माध्यम से भी आसानी से टिकट बुक किए जा सकते हैं।
ई-टिकट बनाम आई-टिकट
ई-टिकट और आई-टिकट दोनों प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं:
- आई-टिकट: ये फिजिकल टिकट होते हैं जो घर पर डाक द्वारा भेजे जाते हैं।
- ई-टिकट: ये डिजिटल होते हैं और यात्री उन्हें प्रिंट करके यात्रा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
भारतीय रेलवे ने अपने आरक्षण प्रणाली में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। मैनुअल प्रक्रिया से लेकर कंप्यूटराइजेशन तक, हर कदम ने यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाई है। आज, यात्रियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से आसानी से टिकट बुक करने की सुविधा प्राप्त है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय रेलवे ने अपने इतिहास में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन आज यह एक आधुनिक और सुविधाजनक यात्रा साधन बन चुका है।
अस्वीकृति: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी वास्तविकता पर आधारित है और पाठकों को सही जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया गया है।