जमीन फर्जी है या असली? खतौनी देखकर ऐसे करें पहचान!

जमीन या प्लॉट खरीदना एक बड़ा निवेश होता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप सावधानी से जमीन की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि वह असली है। कई बार लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेचने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अगर आप सावधान नहीं रहे तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप खतौनी और अन्य दस्तावेजों की मदद से जमीन की जांच कर सकते हैं।

जमीन की जांच करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे आप फर्जीवाड़े से बच सकते हैं। कई बार एक ही जमीन को कई लोगों को बेच दिया जाता है या फिर सरकारी जमीन को निजी बताकर बेचा जाता है। इसलिए जमीन खरीदने से पहले उसके दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए। इससे आप अपने पैसों और समय की बचत कर सकते हैं।

प्लॉट जमीन की जांच क्यों जरूरी है?

जमीन या प्लॉट खरीदते समय उसकी जांच करना बहुत जरूरी होता है। इसके कई कारण हैं:

  1. फर्जीवाड़े से बचाव: कई बार लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेचने की कोशिश करते हैं। जांच करने से आप ऐसे फर्जीवाड़े से बच सकते हैं।
  2. कानूनी विवादों से बचाव: अगर जमीन पर कोई विवाद चल रहा है तो उसे खरीदने से आप भी उस विवाद में फंस सकते हैं। जांच करने से आप ऐसे विवादों से बच सकते हैं।
  3. सही मालिक की पहचान: जांच करने से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जमीन बेचने वाला व्यक्ति उसका सही मालिक है।
  4. जमीन की स्थिति का पता: जांच से आपको जमीन की वर्तमान स्थिति का पता चल सकता है, जैसे कि क्या वह किसी बैंक में गिरवी रखी गई है।
  5. भविष्य के झगड़ों से बचाव: अच्छी तरह से जांच करने से आप भविष्य में होने वाले किसी भी विवाद या कानूनी झगड़े से बच सकते हैं।

प्लॉट जमीन की जांच का Overview

जांच के तरीकेविवरण
खतौनी की जांचजमीन के मालिक और उसके विवरण की जानकारी
रजिस्ट्री की जांचजमीन के कानूनी स्वामित्व की पुष्टि
नक्शा की जांचजमीन की सीमाओं और आकार की जानकारी
सरकारी रिकॉर्ड की जांचजमीन का वर्गीकरण और उसका इतिहास
स्थानीय लोगों से पूछताछजमीन से जुड़े विवादों या समस्याओं की जानकारी
बैंक से जांचजमीन पर किसी लोन की जानकारी
कोर्ट रिकॉर्ड की जांचजमीन से जुड़े कानूनी मामलों की जानकारी
सर्वे नंबर की जांचजमीन की सटीक पहचान और स्थिति

खतौनी क्या है और इसकी जांच कैसे करें?

खतौनी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो जमीन के मालिक और उसके विवरण की जानकारी देता है। यह दस्तावेज राजस्व विभाग द्वारा जारी किया जाता है। खतौनी में निम्नलिखित जानकारी होती है:

  • जमीन का खसरा नंबर
  • जमीन का क्षेत्रफल
  • जमीन के मालिक का नाम
  • जमीन का वर्गीकरण (कृषि, आवासीय, व्यावसायिक आदि)
  • जमीन पर लगने वाला लगान या टैक्स

खतौनी की जांच करने के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  1. अपने राज्य के भूलेख (Land Records) पोर्टल पर जाएं।
  2. वहां दी गई जानकारी जैसे जिला, तहसील, गांव और खसरा नंबर भरें।
  3. जानकारी भरने के बाद आपको खतौनी की कॉपी मिल जाएगी।
  4. इस कॉपी में दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें और जांचें।

रजिस्ट्री की जांच कैसे करें?

रजिस्ट्री जमीन के कानूनी स्वामित्व का सबूत होती है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसकी जांच करना बहुत जरूरी है। रजिस्ट्री की जांच के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  1. सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाएं: जहां जमीन स्थित है, उस क्षेत्र के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाएं।
  2. रजिस्ट्री की कॉपी मांगें: वहां जमीन की रजिस्ट्री की प्रमाणित कॉपी के लिए आवेदन करें।
  3. रजिस्ट्री की जांच करें: रजिस्ट्री में दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें। इसमें जमीन का विवरण, मालिक का नाम, और लेनदेन की तारीख जैसी जानकारी होगी।
  4. पिछली रजिस्ट्रियों की जांच करें: अगर संभव हो तो पिछली रजिस्ट्रियों की भी जांच करें। इससे आपको जमीन के स्वामित्व का पूरा इतिहास पता चल सकेगा।
  5. ऑनलाइन जांच करें: कई राज्यों में अब रजिस्ट्री की जानकारी ऑनलाइन भी उपलब्ध है। आप अपने राज्य के रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट पर जाकर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

नक्शा और सीमाओं की जांच

जमीन के नक्शे और उसकी सीमाओं की जांच करना भी बहुत जरूरी है। इससे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जो जमीन आपको दिखाई जा रही है, वही जमीन दस्तावेजों में दर्ज है। नक्शे की जांच के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  1. राजस्व विभाग से नक्शा प्राप्त करें: अपने क्षेत्र के राजस्व विभाग से जमीन का नक्शा प्राप्त करें।
  2. नक्शे में दी गई जानकारी की जांच करें: नक्शे में दी गई जानकारी जैसे जमीन का आकार, उसकी सीमाएं, और आसपास की जमीन का विवरण ध्यान से देखें।
  3. मौके पर जाकर जांच करें: नक्शे में दी गई जानकारी को मौके पर जाकर सत्यापित करें। जमीन की सीमाओं और आकार की जांच करें।
  4. पड़ोसियों से पूछताछ करें: जमीन के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ करके जमीन की सीमाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
  5. सर्वेयर की मदद लें: अगर आपको कोई संदेह है तो एक प्रोफेशनल सर्वेयर की मदद से जमीन की सीमाओं की जांच करवा सकते हैं।

सरकारी रिकॉर्ड की जांच

सरकारी रिकॉर्ड में जमीन से संबंधित बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी होती है। इसकी जांच करने से आप जमीन के इतिहास और उसके वर्तमान स्थिति के बारे में जान सकते हैं। सरकारी रिकॉर्ड की जांच के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  1. तहसील कार्यालय जाएं: अपने क्षेत्र के तहसील कार्यालय में जाकर जमीन के रिकॉर्ड की जांच करें।
  2. 7/12 उतारा प्राप्त करें: 7/12 उतारा एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो जमीन के मालिक, उसके क्षेत्रफल, और उस पर लगने वाले कर की जानकारी देता है।
  3. भू-अभिलेख पोर्टल का उपयोग करें: कई राज्यों में अब भू-अभिलेख ऑनलाइन उपलब्ध हैं। आप अपने राज्य के भू-अभिलेख पोर्टल पर जाकर जमीन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  4. Land Use Certificate की जांच करें: यह प्रमाणपत्र बताता है कि जमीन का उपयोग किस तरह किया जा सकता है।
  5. Non-Encumbrance Certificate प्राप्त करें: यह प्रमाणपत्र बताता है कि जमीन पर कोई कर्ज या विवाद तो नहीं है।

बैंक और कोर्ट रिकॉर्ड की जांच

जमीन पर किसी लोन या कानूनी विवाद की जानकारी के लिए बैंक और कोर्ट रिकॉर्ड की जांच करना भी जरूरी है। इसके लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

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  1. बैंकों से संपर्क करें: स्थानीय बैंकों से संपर्क करके पूछें कि क्या जमीन पर कोई लोन है।
  2. CIBIL रिपोर्ट की जांच करें: CIBIL रिपोर्ट से आपको पता चल सकता है कि जमीन के मालिक ने कोई लोन लिया है या नहीं।
  3. स्थानीय कोर्ट में जाएं: स्थानीय कोर्ट में जाकर पूछें कि क्या जमीन से संबंधित कोई केस चल रहा है।
  4. ऑनलाइन कोर्ट केस स्टेटस चेक करें: कई राज्यों में अब कोर्ट केस की स्थिति ऑनलाइन चेक की जा सकती है।
  5. वकील की सलाह लें: अगर आपको कोई संदेह है तो एक अनुभवी वकील की सलाह लें।

अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। हालांकि हमने सटीक और अद्यतन जानकारी देने का प्रयास किया है, फिर भी कानूनी मामलों में परिवर्तन हो सकते हैं। इसलिए किसी भी कार्रवाई से पहले कृपया एक योग्य कानूनी सलाहकार या सरकारी अधिकारी से परामर्श लें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान या परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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