भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हमेशा से चर्चा का विषय रही हैं। हाल ही में, सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर Excise Duty में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, इस बढ़ोतरी से आम उपभोक्ताओं पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा। इस लेख में हम इस फैसले के पीछे की वजह, इसके प्रभाव और इससे जुड़ी अन्य जानकारियों को विस्तार से समझेंगे।
Excise Duty Increase on Petrol-Diesel
सरकार ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर Excise Duty बढ़ाई है। यह टैक्स ईंधन की कीमतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है। नीचे दिए गए टेबल में इस फैसले का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
विवरण | जानकारी |
फैसला | पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई गई |
प्रभाव | उपभोक्ताओं पर कोई सीधा असर नहीं |
तेल कंपनियों का शेयर | गिरावट दर्ज की गई |
अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतें | अप्रैल 2021 के बाद सबसे निचले स्तर पर |
सरकार का उद्देश्य | राजस्व संग्रह को बढ़ाना |
पिछली एक्साइज ड्यूटी | पेट्रोल: ₹19.90/लीटर, डीजल: ₹15.80/लीटर |
क्या है Excise Duty?
Excise Duty एक प्रकार का टैक्स है जो केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है। यह ईंधन की कीमतों का एक बड़ा हिस्सा बनता है। उदाहरण के लिए, वर्तमान में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी ₹19.90 प्रति लीटर और डीजल पर ₹15.80 प्रति लीटर है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें आज
आज (10 अप्रैल 2025) के लिए विभिन्न शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें निम्नलिखित हैं:
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 104.21 | 92.15 |
कोलकाता | 103.94 | 90.76 |
चेन्नई | 100.75 | 92.34 |
अहमदाबाद | 94.49 | 90.17 |
सरकार का बयान और उद्देश्य
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बढ़ोतरी का उद्देश्य राजस्व संग्रह को बढ़ाना है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतें गिर रही हैं। हालांकि, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आम जनता पर इसका कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रमुख बिंदु
- राजनीतिक प्रभाव: बीजेपी शासित राज्यों में तेल की कीमतें कम हैं जबकि विपक्ष शासित राज्यों में अधिक।
- तेल कंपनियों का प्रदर्शन: प्रमुख तेल कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
- अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट के बावजूद भारतीय उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिली।
कब सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल?
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट जारी रहती है तो भविष्य में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं। हालांकि, अभी सरकार “Wait and Watch” नीति अपना रही है।
पिछले वर्षों के ऐतिहासिक आंकड़े
भारत में पिछले कुछ वर्षों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें निम्नलिखित रही हैं:
वर्ष | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
2014 | 9.48 | 3.56 |
2021 | 110-120 | 100-110 |
2022 (कटौती के बाद) | -8/-6 प्रति लीटर |
निष्कर्ष और भविष्य की संभावना
सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से राजस्व संग्रह को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को फिलहाल राहत नहीं मिलेगी। अगर अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतें स्थिर रहती हैं तो भविष्य में ईंधन की कीमतों में कटौती संभव हो सकती है।
Disclaimer:
यह लेख सरकारी घोषणाओं और उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों से संबंधित सभी अपडेट्स तेल कंपनियों और सरकारी नीतियों पर निर्भर करते हैं।