प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूलकिट योजना (PM Vishwakarma Toolkit Yojana) भारत सरकार द्वारा पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का उद्देश्य देश के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कारीगरों को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करना और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को ₹15,000 का ई-वाउचर प्रदान किया जाता है, जिसका उपयोग वे अपने काम के लिए आवश्यक औजार खरीदने में कर सकते हैं। इसके अलावा, योजना के तहत प्रशिक्षण, ऋण सहायता और डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
What is PM Vishwakarma Tool Kit Yojana?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूलकिट योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का ही एक हिस्सा है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों को पहचान दिलाना और उन्हें उनके काम में मदद करना है। टूलकिट ई-वाउचर के माध्यम से लाभार्थी अपने व्यवसाय को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित कर सकते हैं।
योजना का संक्षिप्त विवरण
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूलकिट योजना |
लाभार्थी | 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगर |
आर्थिक सहायता | ₹15,000 का ई-वाउचर |
प्रशिक्षण | 5-7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग |
ऋण सुविधा | ₹1 लाख और ₹2 लाख तक का लोन |
पंजीकरण प्रक्रिया | ऑनलाइन पोर्टल या CSC केंद्र |
ट्रेनिंग स्टाइपेंड | ₹500 प्रति दिन |
टूलकिट उपयोग | केवल अधिकृत केंद्रों पर |
पीएम विश्वकर्मा टूलकिट योजना के मुख्य लाभ
इस योजना के तहत कारीगरों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं जो उनके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करती हैं:
- ₹15,000 का ई-वाउचर: यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है।
- प्रशिक्षण: 5-7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग दी जाती है।
- ट्रेनिंग स्टाइपेंड: प्रशिक्षण के दौरान ₹500 प्रति दिन दिया जाता है।
- ऋण सुविधा: बिना किसी गारंटी के ₹1 लाख और ₹2 लाख तक का लोन प्रदान किया जाता है।
- डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन: डिजिटल ट्रांजेक्शन पर ₹1 प्रति ट्रांजेक्शन (100 ट्रांजेक्शन तक) प्रोत्साहन दिया जाता है।
- मार्केटिंग सपोर्ट: कारीगरों को उनके उत्पाद की ब्रांडिंग और प्रमोशन में मदद दी जाती है।
पीएम टूलकिट योजना के लिए पात्रता
योजना में आवेदन करने के लिए कुछ आवश्यक पात्रताएं निर्धारित की गई हैं:
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक असंगठित क्षेत्र में स्व-रोजगार करता हो।
- आवेदक पारंपरिक व्यवसाय जैसे बढ़ई, लोहार, सुनार, दर्जी आदि से जुड़ा हो।
- आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और आय प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
पीएम विश्वकर्मा टूलकिट योजना में शामिल व्यवसाय
योजना में कुल 18 पारंपरिक व्यवसाय शामिल किए गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- बढ़ई (Carpenter)
- लोहार (Blacksmith)
- सुनार (Goldsmith)
- दर्जी (Tailor)
- धोबी (Washerman)
- कुम्हार (Potter)
- खिलौना निर्माता (Toy Maker)
- नाव निर्माता (Boat Maker)
- माली (Garland Maker)
आवेदन प्रक्रिया
पीएम विश्वकर्मा टूलकिट योजना में आवेदन करना बेहद आसान है। इसके लिए निम्नलिखित चरण अपनाए जा सकते हैं:
- ऑनलाइन पंजीकरण: आधिकारिक पोर्टल पर जाकर आवेदन करें।
- CSC केंद्र: नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।
- आधार आधारित सत्यापन: आधार कार्ड और बायोमेट्रिक सत्यापन आवश्यक है।
- प्रशिक्षण प्रमाण पत्र: सफल प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र प्राप्त करें।
पीएम विश्वकर्मा टूलकिट ई-वाउचर कैसे काम करता है?
ई-वाउचर एक डिजिटल वाउचर होता है जिसे केवल अधिकृत केंद्रों पर ही उपयोग किया जा सकता है। इसके माध्यम से लाभार्थी अपने काम के लिए आधुनिक उपकरण खरीद सकते हैं। यह वाउचर कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना का महत्व
यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि कारीगरों को उनके काम में आधुनिकता लाने का अवसर भी देती है। इससे उनकी आय बढ़ती है और वे बड़े बाजारों तक पहुंच बना सकते हैं।
Disclaimer:
यह लेख पीएम विश्वकर्मा टूलकिट योजना की जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। हालांकि, कुछ लोग इस योजना को लेकर भ्रमित हो सकते हैं। यह एक वास्तविक सरकारी योजना है जो पात्र लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यदि आप पात्र हैं तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।