प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए शुरू की गई है, जो पीढ़ियों से अपने पारंपरिक काम में माहिर हैं, लेकिन आधुनिक संसाधनों की कमी के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे थे।
इस योजना के तहत सरकार न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि प्रशिक्षण, टूल किट, ऋण और डिजिटल लेन-देन जैसे कई लाभ भी प्रदान करती है।आज के समय में, जब भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, ऐसे में पारंपरिक कारीगरों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
सरकार चाहती है कि ये कारीगर अपने हुनर को और बेहतर बनाएं, अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएं और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दें। इसी सोच के साथ प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई है, जिससे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों को सीधा लाभ मिल सके।
इस योजना के तहत ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी बहुत आसान रखी गई है, ताकि देश के कोने-कोने में रहने वाले कारीगर भी इसका लाभ उठा सकें। अब जानते हैं विस्तार से कि पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है, इसके लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और इससे जुड़े सभी जरूरी बिंदु।
PM Vishwakarma Yojana Overview
बिंदु | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) |
लॉन्च तिथि | 17 सितंबर 2023 |
उद्देश्य | पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना |
कुल बजट | 13,000 करोड़ रुपये (2023-24 से 2027-28 तक) |
लाभार्थी | 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगर |
प्रमुख लाभ | प्रशिक्षण, टूल किट, स्टाइपेंड, सस्ता ऋण, डिजिटल प्रोत्साहन |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन (pmvishwakarma.gov.in या CSC के माध्यम से) |
नोडल विभाग | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) |
ऋण सहायता | पहली किश्त 1 लाख, दूसरी किश्त 2 लाख रुपये (5% ब्याज) |
टूल किट सहायता | 15,000 रुपये |
ट्रेनिंग स्टाइपेंड | 500 रुपये प्रतिदिन |
डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन | 1 रुपये प्रति लेन-देन (100 लेन-देन प्रति माह तक) |
पीएम विश्वकर्मा योजना के मुख्य लाभ
- प्रशिक्षण (Training): योजना के तहत लाभार्थियों को 15 दिन की मुफ्त ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें उन्हें अपने काम को और बेहतर करने की तकनीक सिखाई जाती है।
- स्टाइपेंड (Stipend): ट्रेनिंग के दौरान हर दिन 500 रुपये स्टाइपेंड दिया जाता है, जिससे कारीगरों को आर्थिक रूप से कोई दिक्कत न हो।
- टूल किट सहायता: टूल किट खरीदने के लिए 15,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है, जिससे कारीगर अपने काम के लिए जरूरी औजार खरीद सकें।
- सस्ती ब्याज दर पर ऋण: योजना के तहत कारीगरों को 5% ब्याज दर पर पहली किश्त में 1 लाख रुपये और दूसरी किश्त में 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
- डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन: डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए हर लेन-देन पर 1 रुपये (अधिकतम 100 लेन-देन प्रति माह) का प्रोत्साहन मिलता है।
- मार्केटिंग और ब्रांडिंग सहायता: कारीगरों को अपने उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग में भी सहायता दी जाती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता
- लाभार्थी की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- लाभार्थी 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक से जुड़ा होना चाहिए।
- लाभार्थी स्वयं का काम करता हो (Self-employed) और असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हो।
- लाभार्थी या उसके परिवार के किसी अन्य सदस्य ने पिछले 5 साल में केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य क्रेडिट आधारित योजना (जैसे पीएमईजीपी, मुद्रा, पीएम स्वनिधि) का लाभ न लिया हो।
- एक परिवार से केवल एक सदस्य को ही योजना का लाभ मिलेगा। (परिवार = पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे)
- सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के पात्र नहीं हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत शामिल 18 व्यवसाय
- बढ़ई (सुथार)
- नाव निर्माता
- अस्त्र बनाने वाला
- लोहार
- हथौड़ा और टूल किट निर्माता
- ताला बनाने वाला
- सुनार (गोल्डस्मिथ)
- कुम्हार
- मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला/तोड़ने वाला)
- मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर
- टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर
- राजमिस्त्री
- नाई
- गुड़िया और खिलौना निर्माता
- माला बनाने वाला
- धोबी
- दर्जी
- मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- चरण 1: आधार और मोबाइल सत्यापन
- सबसे पहले आपको अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाना होगा।
- वहां आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का सत्यापन करवाना जरूरी है।
- चरण 2: आवेदन फॉर्म भरना
- सत्यापन के बाद, CSC या ग्राम पंचायत विभाग की मदद से ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरा जाता है।
- फॉर्म में व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय का विवरण, बैंक खाता आदि भरना होता है।
- चरण 3: दस्तावेज़ अपलोड करना
- जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, व्यवसाय प्रमाण, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो आदि अपलोड करने होते हैं।
- चरण 4: फाइनल सबमिशन और रसीद प्राप्त करना
- सभी जानकारी भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद फॉर्म सबमिट करें।
- आवेदन की रसीद (Acknowledgement) प्राप्त करें, जिससे आगे की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर (आधार से लिंक)
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- व्यवसाय प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो)
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी कैसे चुनें जाते हैं?
- आवेदन की जांच संबंधित विभाग द्वारा की जाती है।
- पात्रता की पुष्टि के बाद, लाभार्थी को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और पहचान पत्र जारी किया जाता है।
- इसके बाद लाभार्थी को ट्रेनिंग, टूल किट, स्टाइपेंड और ऋण जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के मुख्य उद्देश्य
- पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना।
- उनके हुनर को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना।
- स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाना।
- डिजिटल लेन-देन और मार्केटिंग में मदद करना।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए संपर्क
- हेल्पलाइन नंबर: 18002677777, 17923, 011-23061574
पीएम विश्वकर्मा योजना की खास बातें
- योजना का लाभ पूरे भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों को मिलेगा।
- पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए विशेष फोकस।
- डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहन।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती।
पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
- आवेदन करते समय सभी दस्तावेज सही और अपडेटेड रखें।
- आवेदन की स्थिति समय-समय पर पोर्टल या CSC से जांचते रहें।
- ट्रेनिंग और टूल किट का पूरा लाभ उठाएं।
- ऋण का उपयोग व्यवसाय को बढ़ाने में करें।
- डिजिटल लेन-देन और मार्केटिंग की सुविधाओं का अधिकतम उपयोग करें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि प्रशिक्षण, टूल किट, सस्ती ब्याज दर पर ऋण और मार्केटिंग जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
इससे कारीगर अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं। अगर आप भी पात्र हैं, तो जल्द से जल्द इस योजना का लाभ उठाएं और अपने हुनर को आगे बढ़ाएं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक वास्तविक और सक्रिय योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है।
आवेदन प्रक्रिया, पात्रता और लाभ से संबंधित सभी जानकारियां सरकारी पोर्टल और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित हैं। आवेदन करने से पहले आधिकारिक पोर्टल या नजदीकी CSC से जानकारी जरूर जांच लें। किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचें और केवल अधिकृत माध्यम से ही आवेदन करें।