Property Registry Types: जानें कौन सी रजिस्ट्री है सुरक्षित, और कौन सी हो सकती है कैंसिल

आज के समय में जब भी कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की सोचता है, तो सबसे पहले उसके दिमाग में रजिस्ट्री (Property Registry) का ख्याल आता है। रजिस्ट्री संपत्ति के स्वामित्व को वैध बनाने की प्रक्रिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सभी प्रकार की रजिस्ट्री सुरक्षित नहीं होती? कुछ रजिस्ट्रियों को भविष्य में रद्द भी किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के प्रकार और उनकी सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताएंगे।

Overview Table: Property Registry Types

रजिस्ट्री का प्रकारसुरक्षा और विशेषताएँ
सेल डीड (Sale Deed)सबसे सुरक्षित, प्रॉपर्टी का पूर्ण स्वामित्व देता है।
पट्टा (Leasehold Property)सीमित समय के लिए स्वामित्व, सरकार द्वारा नियंत्रित।
नोटरी एग्रीमेंट (Notary Agreement)वैध नहीं मानी जाती, अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
गिफ्ट डीड (Gift Deed)बिना किसी विवाद के संपत्ति का हस्तांतरण।
वसीयत (Will)मृत्यु के बाद संपत्ति का हस्तांतरण, विवाद की संभावना।
पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney)अस्थायी अधिकार, हमेशा सुरक्षित नहीं।

रजिस्ट्री क्या होती है?

रजिस्ट्री एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें संपत्ति का स्वामित्व एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर किया जाता है। यह प्रक्रिया Registration Act, 1908 के तहत होती है।

रजिस्ट्री के फायदे:

  • संपत्ति का कानूनी स्वामित्व प्राप्त होता है।
  • भविष्य में विवादों से बचाव होता है।
  • बैंक से लोन लेने में मदद मिलती है।

कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?

  1. आधार कार्ड और पैन कार्ड
  2. विक्रेता और खरीदार की पहचान प्रमाण
  3. स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का प्रमाण
  4. दो गवाहों की उपस्थिति

Property Registry Types: कौन-कौन सी रजिस्ट्री होती हैं?

1. सेल डीड (Sale Deed)

यह सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित प्रकार की रजिस्ट्री होती है। इसमें संपत्ति का पूर्ण स्वामित्व खरीदार को मिलता है।
फायदे:

  • कानूनी मान्यता प्राप्त
  • विक्रेता और खरीदार दोनों की सहमति आवश्यक

2. पट्टा (Leasehold Property)

यह संपत्ति का अस्थायी स्वामित्व प्रदान करता है, जो आमतौर पर सरकार द्वारा दिया जाता है।
विशेषताएँ:

  • सीमित समय के लिए स्वामित्व
  • पट्टा समाप्त होने पर संपत्ति सरकार को वापस जाती है

3. नोटरी एग्रीमेंट (Notary Agreement)

यह केवल एक समझौता होता है और इसे कानूनी रूप से मान्यता नहीं दी जाती। इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
खतरे:

  • यह सुरक्षित नहीं होती
  • भविष्य में इसे कैंसिल किया जा सकता है

4. गिफ्ट डीड (Gift Deed)

यह संपत्ति को बिना किसी पैसे के ट्रांसफर करने का तरीका है।
फायदे:

  • विवाद की संभावना कम
  • स्टांप ड्यूटी कम लगती है

5. वसीयत (Will)

यह दस्तावेज़ मृत्यु के बाद संपत्ति के हस्तांतरण के लिए उपयोग किया जाता है।
खतरे:

  • इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है

6. पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney)

यह अस्थायी स्वामित्व प्रदान करता है, जिसमें व्यक्ति किसी अन्य को अपनी संपत्ति पर अधिकार देता है।
खतरे:

  • यह हमेशा सुरक्षित नहीं होता

कौन सी रजिस्ट्री हो सकती है कैंसिल?

कुछ प्रकार की रजिस्ट्रियां भविष्य में विवादों या कानूनी कारणों से कैंसिल हो सकती हैं। जैसे:

  1. नोटरी एग्रीमेंट: इसे अदालत में आसानी से चुनौती दी जा सकती है।
  2. पावर ऑफ अटॉर्नी: अगर सही दस्तावेज़ नहीं हैं तो इसे रद्द किया जा सकता है।
  3. पट्टा: पट्टे की अवधि समाप्त होने पर यह स्वतः ही निरस्त हो जाती है।

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कैसे करें?

ऑनलाइन प्रक्रिया:

  1. राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
  3. स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करें।
  4. उप-पंजीयक कार्यालय में जाकर फाइनल सत्यापन कराएं।

ऑफलाइन प्रक्रिया:

  1. उप-पंजीयक कार्यालय जाएं।
  2. सभी दस्तावेज़ प्रस्तुत करें।
  3. गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
  4. शुल्क का भुगतान करके प्रक्रिया पूरी करें।

रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टांप ड्यूटी

भारत में सामान्य शुल्क:

  • स्टांप ड्यूटी: प्रॉपर्टी मूल्य का 4% – 6%
  • पंजीकरण शुल्क: प्रॉपर्टी मूल्य का 1%

उदाहरण:

अगर प्रॉपर्टी की कीमत ₹50 लाख है:

  • स्टांप ड्यूटी: ₹2 लाख – ₹3 लाख
  • पंजीकरण शुल्क: ₹50,000

संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर: धोखाधड़ी पर रोक

मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में “संपदा 2.0” सॉफ्टवेयर लॉन्च किया, जो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को डिजिटल और सुरक्षित बनाता है। इसके फायदे:

Advertisements
  1. फर्जीवाड़े पर रोकथाम
  2. बायोमेट्रिक सत्यापन
  3. ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा

महत्वपूर्ण सुझाव

  1. प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसकी वैधता जांचें।
  2. केवल सेल डीड या गिफ्ट डीड जैसी सुरक्षित रजिस्ट्रियां चुनें।
  3. नोटरी एग्रीमेंट या पावर ऑफ अटॉर्नी से बचें।
  4. सभी दस्तावेज़ों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें।

Disclaimer:

इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने से पहले विशेषज्ञ सलाह लें। हमेशा वैध और सुरक्षित रजिस्ट्रियों को प्राथमिकता दें ताकि भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सके।

Leave a Comment

Join Whatsapp