आज के समय में सेविंग अकाउंट (Saving Account) हर व्यक्ति की वित्तीय योजना का एक अहम हिस्सा है। चाहे आप अपनी बचत को सुरक्षित रखना चाहते हों या नियमित लेन-देन करना, सेविंग अकाउंट आपके लिए जरूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने और निकालने के कुछ नियम होते हैं? इन नियमों का पालन न करने पर आपको इनकम टैक्स नोटिस का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम आपको सेविंग अकाउंट से जुड़े सभी जरूरी नियमों और उनके प्रभावों के बारे में बताएंगे।
सेविंग अकाउंट और इनकम टैक्स नियम
सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने की कोई सीमा नहीं है, लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ खास नियम बनाए हैं ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी जैसी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
सेविंग अकाउंट का ओवरव्यू
विशेषता | विवरण |
कैश डिपॉजिट लिमिट | एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करने पर नोटिस आ सकता है। |
दैनिक लेन-देन सीमा | एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक नकद जमा नहीं किया जा सकता। |
पैन नंबर अनिवार्यता | 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा करने पर पैन नंबर देना होगा। |
फॉर्म 60/61 का उपयोग | पैन नंबर न होने पर फॉर्म 60/61 जमा करना होगा। |
हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन | 10 लाख रुपये से अधिक के लेन-देन को हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन माना जाएगा। |
टीडीएस कटौती | 1 करोड़ रुपये से अधिक निकासी पर टीडीएस लागू होगा। |
कैश डिपॉजिट लिमिट और नोटिस का खतरा
सेविंग अकाउंट में नकद जमा करने की कुछ सीमाएं तय की गई हैं। यदि आप इन सीमाओं का उल्लंघन करते हैं, तो बैंक को इसकी सूचना आयकर विभाग को देनी होगी।
सालाना कैश डिपॉजिट लिमिट
- एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में यदि आप 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करते हैं, तो इसे “हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन” माना जाएगा।
- ऐसे मामलों में बैंक या वित्तीय संस्थान आयकर अधिनियम की धारा 114बी के तहत जानकारी साझा करते हैं।
दैनिक कैश डिपॉजिट सीमा
- एक दिन में यदि आप 2 लाख रुपये या उससे अधिक नकद जमा करते हैं, तो यह सेक्शन 269ST के तहत आता है और इस पर पेनल्टी लग सकती है।
पैन नंबर की आवश्यकता
- यदि आप एक दिन में 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा करते हैं, तो आपको पैन नंबर देना अनिवार्य होगा।
- पैन नंबर न होने की स्थिति में फॉर्म 60/61 भरना होगा।
हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन: क्या होता है इसका मतलब?
जब आपके खाते में बड़े लेन-देन होते हैं, तो इसे “हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन” कहा जाता है। उदाहरण:
- एक वित्तीय वर्ष में कुल नकद जमा या निकासी 10 लाख रुपये से अधिक हो।
- चेक या ऑनलाइन लेन-देन के जरिए 50 लाख रुपये से अधिक का कुल लेन-देन हो।
ऐसे मामलों में आयकर विभाग जांच कर सकता है और आपको नोटिस भेजा जा सकता है।
इनकम टैक्स नोटिस आने पर क्या करें?
यदि आपको इनकम टैक्स नोटिस प्राप्त होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आपको निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
- फंड का सोर्स दिखाएं: अपने दावे को समर्थन देने के लिए बैंक स्टेटमेंट, निवेश रिकॉर्ड, या अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करें।
- टैक्स एडवाइजर की मदद लें: यदि आप खुद जवाब देने में असमर्थ हैं, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
- समय पर जवाब दें: नोटिस का जवाब देने की अंतिम तिथि का पालन करें ताकि कोई अतिरिक्त कार्रवाई न हो।
अन्य महत्वपूर्ण नियम
मिनिमम बैलेंस
- बैंकों ने हाल ही में मिनिमम बैलेंस की सीमा बढ़ा दी है। उदाहरण:
- एसबीआई: ₹5000
- पीएनबी: ₹3500
- केनरा बैंक: ₹2500
यदि आप मिनिमम बैलेंस बनाए रखने में असफल रहते हैं, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।
टीडीएस (TDS) कटौती
- यदि आप अपने सेविंग अकाउंट से एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालते हैं, तो 2% टीडीएस कटेगा।
- पिछले तीन वर्षों से आईटीआर फाइल न करने वालों पर यह सीमा केवल ₹20 लाख होगी।
डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए कई नए नियम लागू किए हैं। इनमें एटीएम ट्रांजेक्शन शुल्क और ब्याज दरों में बदलाव शामिल हैं:
- एटीएम शुल्क: हर महीने केवल तीन मुफ्त ट्रांजेक्शन।
- ब्याज दर: सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर बढ़ाकर 3.5% किया गया है।
सावधानियां और सुझाव
- अपने सभी बैंक खातों को पैन और आधार कार्ड से लिंक करें।
- बड़े लेन-देन करते समय हमेशा उनके स्रोत को स्पष्ट रखें।
- कैश डिपॉजिट करने से पहले बैंक और आयकर विभाग के नियमों को समझ लें।
- किसी भी संदेह की स्थिति में टैक्स एडवाइजर या बैंक अधिकारी से संपर्क करें।
निष्कर्ष
सेविंग अकाउंट धारकों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि उनके खाते में कितनी राशि जमा और निकासी की जा सकती है। यदि आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो न केवल आप आयकर विभाग की जांच से बच सकते हैं बल्कि अपने वित्तीय लेन-देन को भी पारदर्शी बना सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ सलाह लें।