1 अप्रैल से लागू होगी नई टोल टैक्स नीति! क्या नितिन गडकरी देंगे वाहन चालकों को राहत? Toll Tax Rules 2025

भारत में टोल टैक्स को लेकर हमेशा से ही बहस होती रही है। सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2025 से एक नई टोल नीति लागू की जाएगी। इस नई नीति का उद्देश्य टोल शुल्क को संतुलित करना और लोगों को राहत प्रदान करना है। यह नीति न केवल उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए आवश्यक फंडिंग भी सुनिश्चित करेगी।

इस नई नीति के तहत कई बदलावों की उम्मीद की जा रही है, जैसे कि टोल शुल्क में छूट, वार्षिक और लाइफटाइम पास की सुविधा, और तकनीकी सुधार जैसे GNSS आधारित टोलिंग सिस्टम। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि यह नई टोल नीति क्या है और इसका आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Overview of Toll Tax Policy (English)

FeatureDetails
Implementation DateApril 1, 2025
ObjectiveRelief to commuters and better funding
Annual Pass Fee₹3,000
Lifetime Pass Fee₹30,000 (Valid for 15 years)
Technology UsedGNSS-based tolling system
Current Toll Income₹64,809.86 crore (2023-24)
Expected Future Income₹1.40 lakh crore (next 2 years)

नई टोल नीति क्या है?

नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि सरकार एक ऐसी टोल नीति लेकर आ रही है जो उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करेगी। इसके तहत कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है:

  • वार्षिक और लाइफटाइम पास: अब वाहन मालिकों को हर बार टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी। एक वार्षिक पास ₹3,000 में उपलब्ध होगा जबकि लाइफटाइम पास ₹30,000 में मिलेगा, जो 15 वर्षों तक मान्य होगा।
  • GNSS आधारित टोलिंग सिस्टम: इस नई प्रणाली के तहत पारंपरिक टोल प्लाजा की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। वाहन मालिक केवल यात्रा की गई दूरी के अनुसार टोल का भुगतान करेंगे।
  • टोल शुल्क में छूट: उपभोक्ताओं को उचित दरों पर टोल शुल्क देने की सुविधा प्रदान की जाएगी।

नई नीति के मुख्य उद्देश्य

  1. सड़क निर्माण और रखरखाव: टोल शुल्क से प्राप्त धनराशि का उपयोग सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए किया जाएगा।
  2. उपभोक्ता सुविधा: वार्षिक और लाइफटाइम पास जैसी सुविधाएं उपभोक्ताओं के लिए समय और धन बचाने में मदद करेंगी।
  3. तकनीकी सुधार: GNSS आधारित प्रणाली से पारंपरिक टोल प्लाजा की समस्या समाप्त होगी।

नई प्रणाली कैसे काम करेगी?

GNSS आधारित टोलिंग

GNSS (Global Navigation Satellite System) तकनीक का उपयोग करके वाहन ट्रैक किए जाएंगे। वाहन मालिक केवल यात्रा की गई दूरी के अनुसार भुगतान करेंगे। इससे पारंपरिक टोल प्लाजा पर लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा।

वार्षिक और लाइफटाइम पास

FASTag के माध्यम से वार्षिक और लाइफटाइम पास जारी किए जाएंगे। वर्तमान में मासिक पास का खर्च लगभग ₹340 प्रति माह है, जो सालाना ₹4,080 होता है। नई प्रणाली से उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ मिलेगा।

वर्तमान टोल संग्रह डेटा

वर्तमान में भारत में टोल संग्रह तेजी से बढ़ रहा है।

  • 2023-24: ₹64,809.86 करोड़ (35% वृद्धि)
  • 2019-20: ₹27,503 करोड़

सरकार अगले दो वर्षों में इस आय को ₹1.40 लाख करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।

लोगों को क्या लाभ मिलेगा?

नई टोल नीति से लोगों को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

  • समय की बचत: FASTag और GNSS तकनीक से लंबी कतारों से छुटकारा।
  • धन की बचत: वार्षिक और लाइफटाइम पास सस्ती दरों पर उपलब्ध।
  • पारदर्शिता: यात्रा की गई दूरी के अनुसार भुगतान।

अन्य सुधार

ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे

सरकार 36 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बना रही है जिससे लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी।

बायोफ्यूल उत्पादन

कृषि अपशिष्ट से बायो-CNG और बायो-बिटुमेन बनाने की योजना भी चल रही है।

इलेक्ट्रिक वाहन रणनीति

इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और रीसाइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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Disclaimer:

यह लेख नई टोल नीति पर आधारित जानकारी प्रदान करता है। हालांकि, सरकार ने अभी तक सभी विवरण साझा नहीं किए हैं। यह योजना वास्तविक है और इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। यदि कोई संशोधन या बदलाव होता है तो सरकार इसकी घोषणा करेगी।

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