UDID Card: दिव्यांगों के लिए शक्ति का हथियार, 2025 में सरकार करेगी मदद, ऐसे बनवाएं कार्ड और पाएं सम्मान

भारत सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए Unique Disability ID (UDID) Card की शुरुआत की है। यह कार्ड दिव्यांगजनों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो उन्हें सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है। यह पहल न केवल दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सहूलियत प्रदान करती है, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को भी बढ़ावा देती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि UDID कार्ड क्या है, इसके लाभ, कैसे बनवाएं, और 2025 में सरकार द्वारा दी जाने वाली नई सहायता क्या होगी।

UDID Card क्या है?

UDID Card (Unique Disability ID Card) भारत सरकार द्वारा जारी किया गया एक विशेष पहचान पत्र है, जो दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी पहचान और विकलांगता से संबंधित जानकारी को एक जगह संग्रहित करने की सुविधा देता है। इसे Department of Empowerment of Persons with Disabilities (DEPwD) द्वारा संचालित किया जाता है।

यह कार्ड दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में सहूलियत प्रदान करता है और उन्हें बार-बार अलग-अलग दस्तावेज ले जाने की आवश्यकता नहीं होती।

UDID Card का उद्देश्य

  • राष्ट्रीय डेटाबेस बनाना ताकि दिव्यांगजनों की संख्या और उनकी स्थिति का सही आकलन हो सके।
  • सरकारी योजनाओं का पारदर्शी और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
  • दिव्यांगजनों को एकीकृत पहचान प्रणाली प्रदान करना।

UDID Card का अवलोकन

योजना का नामUDID Card
शुरूआत2016
संचालित विभागसामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
लाभार्थीसभी दिव्यांग व्यक्ति
उद्देश्यदिव्यांगजनों के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस बनाना
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन और ऑफलाइन
कार्ड की वैधतास्थायी या अस्थायी (विकलांगता पर निर्भर)

UDID Card के लाभ

UDID कार्ड दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को सरल बनाने के लिए कई लाभ प्रदान करता है। नीचे इसके मुख्य लाभ दिए गए हैं:

  • एकल पहचान दस्तावेज: यह कार्ड सभी आवश्यक जानकारी एक ही जगह उपलब्ध कराता है, जिससे अलग-अलग दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होती।
  • सरकारी योजनाओं तक आसान पहुंच: यह कार्ड सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों और अन्य सेवाओं का लाभ उठाने में सहायक होता है।
  • पारदर्शिता: यह प्रणाली डेटा की पुनरावृत्ति को रोकती है और योजनाओं के कार्यान्वयन को ट्रैक करती है।
  • डिजिटल डेटा: सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होती है, जिससे इसे कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है।
  • सुविधाजनक नवीनीकरण: कार्डधारक अपनी जानकारी ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं।
  • रंग आधारित पहचान: विकलांगता की गंभीरता के आधार पर कार्ड पर रंग स्ट्राइप्स होते हैं:
    • सफेद: 40% से कम विकलांगता
    • पीला: 40% से 80% विकलांगता
    • नीला: 80% से अधिक विकलांगता

कौन-कौन आवेदन कर सकता है?

UDID कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता होनी चाहिए:

  1. जिनके पास पहले से विकलांगता प्रमाणपत्र हो।
  2. जिनके पास कोई प्रमाणपत्र नहीं है लेकिन वे पात्र हैं।
  3. जिनके आवेदन अस्वीकृत हो चुके हैं या पुनः आवेदन करना चाहते हैं।

पात्र विकलांगताएँ

UDID कार्ड केवल उन्हीं व्यक्तियों को जारी किया जाता है जो निम्नलिखित विकलांगताओं में आते हैं:

  • दृष्टिहीनता या कम दृष्टि
  • सुनने की क्षमता में कमी
  • मस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy)
  • मानसिक मंदता या मानसिक रोग
  • शारीरिक विकलांगता जैसे हड्डियों या मांसपेशियों में समस्या

UDID Card कैसे बनवाएं?

UDID कार्ड बनवाने की प्रक्रिया सरल और डिजिटल रूप से सुलभ है। इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन किया जा सकता है।

आवश्यक दस्तावेज़

  1. हाल ही की रंगीन फोटो (स्कैन कॉपी)
  2. हस्ताक्षर (यदि उपलब्ध हो)
  3. पता प्रमाण (आधार कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस आदि)
  4. पहचान प्रमाण (पैन कार्ड/आधार कार्ड आदि)
  5. विकलांगता प्रमाणपत्र (यदि उपलब्ध हो)

आवेदन प्रक्रिया

  1. पंजीकरण करें: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और “Apply for Disability Certificate & UDID” पर क्लिक करें।
  2. फॉर्म भरें: व्यक्तिगत जानकारी, विकलांगता विवरण, रोजगार स्थिति आदि भरें।
  3. दस्तावेज़ अपलोड करें: सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  4. सबमिट करें: आवेदन जमा करें और रसीद प्राप्त करें।

2025 में सरकार द्वारा दी जाने वाली नई सहायता

2025 में भारत सरकार ने घोषणा की है कि UDID कार्ड धारकों को अतिरिक्त लाभ दिए जाएंगे:

  1. शिक्षा क्षेत्र में सहायता: सभी राष्ट्रीय संस्थानों में पाठ्यक्रम शुल्क माफ होगा।
  2. स्वास्थ्य सेवाएँ: सरकारी अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा जांच और उपचार।
  3. आर्थिक सहायता: स्वरोजगार योजनाओं के लिए विशेष ऋण सुविधा।

UDID Card से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  1. यह कार्ड पूरे भारत में मान्य होता है।
  2. बच्चों के लिए हर 5 साल में नवीनीकरण आवश्यक होता है।
  3. स्थायी विकलांगता वाले व्यक्तियों को बार-बार चिकित्सा परीक्षण कराने की आवश्यकता नहीं होती।

निष्कर्ष

UDID कार्ड दिव्यांगजनों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और समाज में सम्मान दिलाने का माध्यम बन रहा है। यह न केवल उनकी पहचान को सरल बनाता है बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने में मदद करता है।

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Disclaimer:

यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अधिकृत स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें। UDID योजना वास्तविक सरकारी योजना है जो भारत सरकार द्वारा संचालित की जाती है।

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